मास्टर प्लान में मास्टरी: पोल खोली तो बौखला उठे जमीनी जादूगर : सिंहस्थ के उपयोग में आने वाली जमीन का मुआवजा भी लेते रहे और अब तुले हैं आवासीय करवाने के लिए

 

खुद व परिवार वालों के नाम से मुआवजा लेने के हैं दस्तावेजी सबूत

ब्रह्मास्त्र उज्जैन। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में हर 12 वर्ष में लगने वाले सिंहस्थ मेले की जमीन हथियाने के हथकंडों पर जब करारा प्रहार हुआ तो जमीनी जादूगर बौखला उठे। यह वह जमीन है जिस पर सिंहस्थ भराने के दौरान भूस्वामी अस्थाई अधिकार शासन को देते आए हैं। खुद ने और उनके परिवार वालों के नाम से सिंहस्थ में उपयोग आने वाली भूमि का मुआवजा लेते आए हैं। इसके बकायदा दस्तावेजी प्रमाण भी मौजूद हैं। खुद ने ही मुआवजे ले रखे हैं और खुद ही चाहते हैं कि अब यह भूमि आवासीय हो जाए, जबकि सिंहस्थ के दौरान इस जमीन का जबरदस्त उपयोग भी है। यानी मुआवजा लेते वक्त मीठा-मीठा गप और अब कड़वा – कड़वा थू की तर्ज पर सिंहस्थ हित को अनदेखा कर मास्टर प्लान में मास्टरी की कोशिश की जा रही है। सिंहस्थ के उपयोग आने वाली जमीन को आवासीय करने की कोशिश की जा रही है। कहा जा रहा है कि सिंहस्थ की 1 इंच जमीन भी आवासीय में नहीं ले रहे हैं। यह वह जमीन है जो सिंहस्थ के उपयोग में आती रही है और आगे भी जरूरत है। इसलिए सरकार सिंहस्थ के दौरान उस जमीन के उपयोग का मुआवजा भी देती रही है और जमीनी जादूगर तथा उनका परिवार यह मुआवजा लेता भी रहा है। इस बात के दस्तावेजी प्रमाण हैं कि सिंहस्थ के उपयोग में आने वाली जमीनों में माननीय की भी जमीन है और उसका मुआवजा भी बाकायदा लिया गया है। आगामी सिंहस्थ में तो इस बार और अधिक भूमि का उपयोग होगा। ऐसी स्थिति में जो वर्तमान भूमि सिंहस्थ के उपयोग में आती है, जो लोग इसका मुआवजा लेते रहे हैं वह भूमि तो लगेगी ही। दुर्भाग्यजनक है कि जमीनी जादूगर मास्टर प्लान में खेल करके इसे आवासीय करने पर तुले हुए हैं।

उज्जैन की मीडिया को डराने के लिए पाप की कमाई का इस्तेमाल

दरअसल, पाप की कमाई का उपयोग उज्जैन की मीडिया को डराने के लिए किया जा रहा है। वह घमंड में चूर हैं और उन्हें लगता है कि सिंहस्थ के हित में आवाज उठाने वालों को वे किसी न किसी रूप में दबा देंगे, परंतु पत्रकारिता धर्म का निर्वाह करने वाले सच्चाई को उजागर करने से पीछे नहीं हटेंगे।

संघ-भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत पर फेर रहे पानी

माननीय, इन दिनों ओहदे का दुरुपयोग करते हुए जिस ढंग से हरकतें कर रहे हैं , उससे वे संघ और भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं की मेहनत पर भी पानी फेर रहे हैं। सिंहस्थ विश्व के बड़े आयोजनों में से एक है। इसकी गरिमा, जमीन की और ज्यादा जरूरत और व्यवस्था सभी महत्वपूर्ण हैं।