पांच सालों में एक हजार से अधिक फर्जी मार्कशीट बनाई
हर डिग्री का अलग-अलग दामफार्मा की मार्कशीट के लेते थे लाखों रुपये
इंदौर । डीसीपी अभिषेक आनंद ने बताया कि हम लंबे समय से गिरोह को पकड़ने का प्रयास कर रहे थे। आरोपित 10वीं और 12वीं की फर्जी मार्कशीट के 20 हजार और फार्मा की मार्कशीट के लिए लाखों रुपये लेते थे। इनके पास से कई यूनिवर्सिटी की मार्कशीट और सील भी मिली है। यह काफी बड़ा गिरोह हो सकता है, जिसका हम पता लगा रहे हैं। हमें एक मार्कशीट भोपाल की ग्लोबल टेक्नोलाजी यूनिवर्सिटी की मिली थी, जिस पर हमने कालेज प्रबंधन से पूछताछ की तो उनका जवाब आया कि यह फर्जी मार्कशीट है, हमारे कालेज की नहीं है। हम अभी यह पता लगा रहे हैं कि गिरोह में कौन-कौन जुड़ा है और जिन यूनिवर्सिटी की मार्कशीट मिली है, उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
वेबसाइट पर अपलोड करते थे मार्कशीट, ताकि फर्जी न लगे : आरोपित वेबसाइट पर भी मार्कशीट अपलोड करते थे, ताकि लोगों को लगे कि यह फर्जी मार्कशीट नहीं है। आरोपित दिनेश पहले शिक्षक था। इसके बाद परीक्षा सेंटर बनाने का काम शुरू किया। हमें यह भी पता चला है कि मार्कशीट में जो परीक्षा सेंटर लिखे गए हैं, वे भी फर्जी हैं। वहीं आरोपित मनीष उज्जैन में फर्जी मार्कशीट बनवाता था।