आनलाइन गेम के नाम खिलाए जा रहे सट्टे को रोकने के लिए क्या हैं इंतजाम -हाई कोर्ट
इंदौर। इंटरनेट मीडिया पर आनलाइन गेम के नाम पर युवाओं को लगाई जा रही सट्टे की लत को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्क सुनने के बाद राज्य सरकार, केंद्र शासन और आनलाइन गेम खिलाने वाली सात कंपनियों को नोटिस जारी कर पूछा है कि आनलाइन गेम के नाम पर खिलाए जा रहे सट्टे को रोकने के क्या इंतजाम हैं। याचिका में अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी। इसके पहले सभी पक्षकारों को जवाब देना होगा। हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका विनोद द्विवेदी ने दायर की है। वे स्वयं ही पैरवी भी कर रहे हैं। याचिका में ड्रीम इलेवन, एमपीएल, तीन पत्ती, ए 23, रमी सर्कल, बिंजो, जुपी के संस्थापकों के साथ-साथ प्रदेश के गृह सचिव, भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण विभाग के संयुक्त सचिव को भी पक्षकार बनाया गया है। याचिका में कहा है कि उक्त कंपनियां आनलाइन गेम के नाम पर युवाओं को सट्टे के लिए प्रेरित कर रही हैं।
याचिका में की सट्टे को रोकने की मांग
कंपनियां विज्ञापन के माध्यम से युवाओं को बताती हैं कि कैसे लोग आनलाइन गेम खेलकर पैसा कमा रहे हैं। याचिका में आनलाइन गेम के नाम पर खिलाए जा रहे सट्टे को रोकने की मांग की गई है। याचिका में पहले कंपनियों के ब्रांड एंबेसडर के नाम भी पक्षकार के रूप में शामिल थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद इन्हें हटा लिया गया।