अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय प्राचार्य ने दी सूचना के अधिकार में गलत जानकारियां – शिवसेना

देवास ।  आखिर सूचना के अधिकार के तहत अधिकारियों द्वारा क्यों लापरवाही बढ़ती जा रही है। क्यों नहीं समय से जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है, जिस प्रकार से सूचना का अधिकार आयोग सतत निगरानी करता है, लेकिन देवास में सरकारी आॅफिसर इस सूचना के अधिकार आयोग के नियमों को ताक पर रखते है। ऐसा ही मामला देवास से सामने आया है। शिवसेना जिलाध्यक्ष सुनील वर्मा ने बताया कि उनके द्वारा 22 जून को शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय के पास से संबंधित प्राचार्य के संबंध में जानकारियां उनके द्वारा किस नियम के तहत आहरण निकासी पैसों की निकासी की जा रही है जो की जानकारी संबंधित प्राचार्य से जुड़ी हुई थी। वर्मा ने बताया कि मुझे 11 जुलाई को दस्तावेज उपलब्ध कराने का शुल्क 30 रूपए जमा करवा लिया गया, लेकिन जानकारी 22 जून की समय सीमा खत्म हो जाने तक नहीं दी गई और ना ही मुझे (व्हाट्सएप, ईमेल, फोन कॉल या डाक पोस्ट) किसी भी माध्यम से दस्तावेज व जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।
शिवसेना जिलाध्यक्ष ने दर्ज कराई आपत्ति।
विद्यालय स्टॉफ द्वारा प्रदान किए गए पत्र बिंदु क्रमांक 3. में (राज्य शासन द्वारा प्रदान किए गए आहरण के अधिकार का पत्र संलग्न है) बताया गया कि जिसका मूल सूचना अधिकार दस्तावेज में संलग्न नहीं पाया गया, जो नियम अनुसार मूल पैसों की निकासी लेनदेन करने का अधिकार शासन द्वारा प्रदान किया जाता है। धारा 125 के तहत प्रिंसिपल को (आहरण) पैसा निकासी की शासन से अनुमति, शिक्षा विभाग के नियम अनुसार ही धारा 125 के तहत संबंधित विभागीय शासन से प्रिंसिपल को आहरण निकासी करने का पत्र लिखकर अनुमति प्राप्त करनी पड़ती है।

जब श्री वर्मा ने प्राचार्य से मांगे तो आपस में कर्मचारियों में बहस तक हो गई। एक दूसरे पर दस्तावेज उपलब्ध कराने का दबाव बनाने लगे। तब जाकर यह बात सामने आई कि मूल दस्तावेज नहीं जिसे इसमें, संलग्न बताकर उपलब्ध ही नहीं कराएगा।
ओसी सूचना अधिकार दस्तावेज पर प्राप्ति लेने वाले अधिकारी पर ही अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए अधूरी जानकारी दिए जाने का आपत्ति दर्ज कराई गई। वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से प्राचार्य द्वारा यह जानकारी अधूरी उपलब्ध कराई गई। यह संदेहजनक है। अगर दस्तावेज उपलब्ध नहीं है तो यह किस नियम के तहत पैसों की निकासी आहरण निकासी की जा रही है। यह जांच संदहे जनक है। इसकी प्रथम अपील राज्य शिक्षा आयुक्त भोपाल को सोमवार को की जाएगी। वहीं मंगलवार को जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष उज्जैन संभाग आयुक्त से शिवसेना का प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करने के लिए जाएगा और जिस प्रकार से प्राचार्य द्वारा अपने अधिकारों के विपरीत जाकर जो कार्य किए जा रहे हैं जिसकी शिकायत दर्ज करवाएगा।