चार साल सलाखों में रहेगा रिश्वत लेने वाला पटवारी
उज्जैन। नानाखेड़ा माल के समीप चाय की दुकान पर पांच हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त की गिरफ्त में आए पटवारी को छह साल चली सुनाई के बाद न्यायालय ने दोषी करार देते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई है।
लोकायुक्त ने 11 नवम्बर 2016 को महिदपुर तहसील के ग्राम जवासिया सोलंकी में रहने वाले कमल पिता समंदर खाबरिया और तेजूलाल पिता अनारजी की शिकायत पर हल्का नम्बर 108 के पटवारी भैरूसिंह परमार के खिलाफ रिश्वत मांगने की जांच शुरू की थी। 6 दिन बाद पटवारी को पांच हजार की रिश्वत लेते नानाखेड़ा स्थित माल के पास से चाय की दुकान पर लोकायुक्त ने ट्रेप कर लिया था। जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का प्रकरण दर्ज कर विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया था। छह साल चली सुनाई के बाद पटवारी को विशेष न्यायाधीश ने चार साल की सजा और अर्थदंड से दंडित किया है।
रिश्वत में मांगे थे नए नोट- लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि पटवारी की शिकायत दर्ज कराने वाले कमल और तेजूलाल भाई है। जिन्हे वर्ष 2001 में सरकार ने 5 व 4.5 बीघा जमीन का पट्टा दिया था। वर्ष 2012 में कमल की ढाई बीघा व तेजूलाल की 4 बीघा जमीन को गलती से रिकार्ड में सरकारी घोषित कर दिया गया था। पटवारी भेरूसिंह परमार ने रिकार्ड सही करने के एवज में 20 हजार रुपये की मांग की थी, बाद में 15 हजार में बात तय हुई। उस दौरान नोटबंदी हुई थी। जिसके चलते पटवारी ने नए नोट मांगे थे।