भाटीसुड़ा, नरेड़ीपाता सहित पुराने उपार्जन केन्द्रो पर गेहूँ खरीदी पुनः चालु किया जाये
नागदा जं. – शासन द्वारा कई पुराने उपार्जन केन्द्र पर खरीदी खत्म करके नवीन उपार्जन केन्द्र (साइलो) झिरमिरा तथा बोरखेड़ा में खरीदी की जा रही हैं। वहीं जनता के दबाव के चलते कई पुराने उपार्जन केन्द्र पुनः चालु किये गये । लेकिन आज भी किसानों को झिरमिरा तथा बोरखेड़ा आने के लिये 20 से 30 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है। वहीं परिवहन हेतु 2000 रूपये खर्च करना पड़ रहे है। वहीं शासन द्वारा साईलो पर शीघ्र ही खरीदी की बात कही गई थी लेकिन आज भी किसानों को अपनी उपज बेचने में 4 से 5 दिन लग रहे है। जिससे किसानों की समय व सम्पत्ति दोनो का नुकसान हो रहा है।नागदा-खाचरौद क्षैत्र के पुराने उपार्जन केन्द्रो विशेषकर नरेडीपाता तथा भाटीसुडा पर पुनः खरीदी चालु करने हेतु मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य बसंत मालपानी ने मुख्यमंत्री तथा जिलाधीश को पत्र लिखा। श्री मालपानी ने कहा कि पूर्व में भाटीसुड़ा में भीलसुड़ा, भाटीसुड़ा, टकरावदा, अजीमाबाद पारदी, अमलावदिया, लसुड़िया आदि के किसान अपनी उपज बेचते थे। लेकिन आज उन्हें 20 किमी दूर बोरखेड़ा जाकर अपनी उपज बेचना पड रही है। जिसके कारण उनके परिवहन का खर्चा ज्यादा लग रहा है वहीं खरीदी केन्द्रो पर भी चार-चार दिन में नंबर आ रहा है। वहीं नरेड़ीपाता में पूर्व में नरेड़ी हनुमान, थड़ोदा, रूनखेड़ा, बोरदिया, खण्डवा, रिंगनिया, आदि के किसानों के उपज की खरीददारी होती थी लेकिन वर्तमान में उक्त गांव के लोगो को 30 किमी दूर झिरमिरा साइलो पर आकर अपनी उपज बेचना पड़ रही है। जिससे उनका भी परिवहन के साथ-साथ समय का काफी नुकसान हो रहा है।
श्री मालपानी ने मांग की है कि पूर्व में शासन द्वारा जो निर्धारित उपार्जन केन्द्र थे उन उपार्जन केन्द्रो पर पुनः खरीदी चालु की जाए अन्यथा कांग्रेस द्वारा किसान हित में आंदोलन किया जायेगा।