वाल्वो आयशर और आइआइटी इंदौर ने मिलाया हाथ, आटोमोबाइल सेक्टर भरेगा ऊंची उड़ान
इंदौर । देश के आटोमोबाइल उद्योग को अब गति मिलने वाली है। इस क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए शीर्षस्थ तकनीकी संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर और अग्रणी आटोमोबाइल कंपनी वाल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड (वीईसीवी) अब साथ मिलकर काम करेंगी। दोनों संस्थानों के बीच सोमवार को एक एमओयू हुआ है। यह समझौता पांच वर्ष की अवधि के लिए मान्य रहेगा। समझौता विज्ञान संबंधी जानकारियों के आदान-प्रदान को आसान बनाने और दोनों संस्थानों के बीच सहयोग के लिए किया गया है।
समझौता होने से आटोमोबाइल उद्योग को आइआइटी से प्रशिक्षित तकनीकी एक्सपर्ट मिल सकेंगे। वहीं आइआइटी को भी अपनी क्षमताओं को विकसित करने के लिए वाल्वो जैसा प्लेटफार्म मिल सकेगा। इसका एक फायदा यह भी होगा कि आयशर के कर्मचारी आइआइटी इंदौर से एमटेक, एमएस (आर) और पीएचडी डिग्री प्राप्त कर सकेंगे। समझौते पर आइआइटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास एस जोशी और मुख्य परिचालन अधिकारी राजिंदर सिंह सचदेवा ने हस्ताक्षर किए। उनके साथ डीन आफ आउटरीच प्रो. देवेंद्र देशमुख, कार्यकारी उपाध्यक्ष सचिन अग्रवाल, जीएम एचआर सुबोध मोहरिल, लर्निंग एंड डेवलपमेंट के हेड श्याम जंबर भी उपस्थित थे। प्रो. सुहास एस जोशी ने कहा कि इस समझौते में संयुक्त अनुसंधान, वैज्ञानिक गतिशीलता, वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान, अनुसंधान परिणामों का उपयोग और तकनीक को साझा करना शामिल होगा। साथ ही यह वीईसीवी कर्मचारियों के प्रशिक्षण, आइआइटी के छात्रों की इंटर्नशिप, संयुक्त कार्यशालाओं, अनुसंधान और परामर्श परियोजनाओं में भी मदद करेगा।
वीईसीवी के कर्मचारी पहले वर्ष की तीन तिमाही में आनलाइन एमटेक पाठ्यक्रम को पूरा करेंगे। इसके बाद दूसरे वर्ष में परियोजना कार्य वीईसीवी की पीथमपुर और भोपाल इकाइयों में या आइआइटी इंदौर के प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों के मार्गदर्शन में आइआइटी इंदौर में किया जाएगा। इसी क्रम में निर्धारित पाठ्यक्रमों को पूरा करने के बाद, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक व्हीकल में एग्जीक्यूटिव एमटेक डिग्री आइआइटी इंदौर द्वारा प्रदान की जाएगी।