न शहर, न पार्टी, न प्रदेश , सिर्फ दौलत का गुलाम : सिंहस्थ हित में लगे ऐसे माफिया पर लगाम
ब्रह्मास्त्र उज्जैन। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर माफियाओं पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। अहम सवाल तो यही है कि आखिर यह माफिया इतने पनपे कैसे? जागरूक जनता सवाल कर रही है कि उन्होंने नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान को वोट दिए थे, तो उज्जैन सहित प्रदेश को माफियाओं के हवाले क्यों कर दिया ? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तो लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं। वह हर नेता की रग रग से वाकिफ हैं, तो फिर ऐसे भू माफियाओं को क्यों माननीय बना दिया गया जिनके दामन पर सिर्फ माफिया का दाग ही नहीं है, बल्कि वे खुद माफिया हैं। उज्जैन की ही बात करें तो सबसे बड़े भू माफियाओं में उनका नाम शुमार है। इसे उज्जैन का की हर जागरूक जनता अच्छी तरह जानती है। जो खुद की भूख मिटा नहीं पा रहा हैं वह भला आम गरीब जनता और शहर के विकास के लिए क्या करेगा? चर्चाओं के दौर में लोग कहते भी हैं कि- “न शहर, न पार्टी, न प्रदेश, सिर्फ दौलत का गुलाम। सिंहस्थ हित में लगे ऐसे माफिया पर लगाम।”
विकास के नाम पर दिखाई देने वाले हर कार्य के पीछे उनकी अपनी स्वार्थ सिद्धि होती है। जो महान धार्मिक पर्व और प्रदेश के सबसे बड़े मेले सिंहस्थ क्षेत्र की जमीन में भी अपना धंधा खोज रहे हैं। सिंहस्थ के उपयोग आ रही जमीन को आवासीय करवा कर वहां पर सीमेंट कांक्रीट के जंगल खड़े करना चाहते हैं। वे अपने रौब के बल पर सिंहस्थ मेले के उपयोग में आने वाली जमीन को हड़पना चाहते हैं , जबकि इस जमीन के बदले उन्हें बाकायदा सरकार द्वारा हर बार मुआवजा दिया जाता रहा है। यदि वाकई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान माफियाओं की करतूतों पर लगाम लगाना चाहते हैं, तो उन्हें उज्जैन में सिंहस्थ को गंभीरता से लेना होगा। मास्टर प्लान के उस एक-एक बिंदु पर विशेष गौर करना होगा, जिसमें न तो प्रदेश तथा शहर हित देखा जा रहा है, और न ही पार्टी हित। यदि देखा जा रहा है तो सिर्फ अपना स्वार्थ। सिंहस्थ को वाकई गंभीरता से लेना होगा। आने वाले समय में उसे और अधिक जमीन की जरूरत है। ऐसी स्थिति में जो पहले से ही सिंहस्थ के काम जमीन आ रही है, उसे किसी भी हालत में आवासीय नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री को ऐसे साथी को जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए जिनकी नीयत साफ हो। तभी संघ और भाजपा के उन जमीनी कार्यकर्ताओं की मेहनत पर जो पानी फिर रहा है, उससे बचा जा सकता है। प्रभारी मंत्री से भी गुजारिश है कि वह शहर हित के खिलाफ जा रहे राजनीति की खाल ओढ़े ऐसे माफिया को चिन्हित कर मुख्यमंत्री के समक्ष सच्चाई रखें।
अब उज्जैन कलेक्टर व एसपी से उम्मीद
उज्जैन में माफियाओं पर कार्रवाई करने के मामले में कलेक्टर श्री आशीष सिंह और एसपी श्री सत्येंद्र कुमार शुक्ल की जोड़ी लगातार सफल हो रही है। लोगों का कहना है कि यह जोड़ी अच्छा काम कर रही है, इसलिए अब कलेक्टर- एसपी से ही उम्मीद है कि वह सिंहस्थ के मामले में भी उन माफियाओं पर लगाम लगाएं, जो हर सिंहस्थ में अपनी जमीन का मुआवजा भी लेते हैं और अब सिंहस्थ के उपयोग आने वाली उस भूमि को आवासीय करवाने पर तुले हुए हैं। पिछले सिंहस्थ में जितनी जमीन मेला क्षेत्र के लिए उपयोग में आई थी, अब तो उससे और अधिक जमीन की जरूरत है। इसलिए किसी भी हालत में जो पहले से उपयोग में आई है उस जमीन के साथ छेड़छाड़ न हो।