अस्पताल की आग से कोरोना मरीजों को बाहर लाने वाले 54 लोग चिन्हांकित

उज्जैन।रविवार को पाटीदार अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के कोविड आईसीयू वार्ड में आग लगी थी। इस आग में घिरे कोरोना संक्रमित एवं अन्य 80 मरीजों को अस्पताल से बाहर लाकर पास के एवं अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया गया था।इस शिफ्टिंग में करीब 54 लोगों ने हिस्सेदारी की थी।सभी की पहचान चिकित्सा विभाग ने कर ली है।सभी का ध्यान रखा जा रहा है।

रविवार को निजी पाटीदार अस्पताल में आग लगने के दुसरे दिन सोमवार को वहां संपूर्ण स्टाफ अपने काम को व्यवस्थित करने में लगा था।अस्पताल को सेनेटाईज करने के साथ ही वहां की व्यवस्थाओं को चेक किया जा रहा था।अस्पताल में दो आईसीयू होने से जहां आग लगी थी उसकी रिपेयरिंग का काम शुरू किया गया है।अस्पताल प्रबंधन के अनुसार अभी एक भी मरीज अस्पताल में नहीं है।प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग की अनुमति मिलने पर मरीजों को दाखिल किया जाएगा।रविवार को आग की घटना के समय अस्पताल में कुल 80 मरीज थे। इनमें से 6 नवजात एवं उनकी माताएं थी। जिस आईसीयू वार्ड में आग की घटना ने अंजाम लिया वह अस्पताल के प्रथम तल पर स्थित है। उसमें कोरोना संक्रमित 11 मरीजों को आक्सीजन पर रखा गया था। इनमें से कुछ की स्थिति गंभीर संक्रमण की थी। आग लगने पर इन मरीजों को अस्पताल स्टाफ के साथ दुसरे अस्पताल एवं पुलिस कर्मियों की मदद से अस्पताल के अंदर से ताबडतोड बाहर लाकर उपलब्ध कई एंबुलेंस से अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया गया था। जहां आग लगी थी उस कोरोना आईसीयू वार्ड की खिडकियां तोडकर मरीजों को बाहर निकालकर लाने के दौरान चार मरीज आग से झूलस गए थे। इनमें से दो महिलाओं को इंदौर रेफर किया गया है। रेस्क्यू आपरेशन के दौरान ही कलेक्टर आशीषसिंह,एसपी सत्येन्द्र शुक्ला एवं सीएमएचओ डा. महावीर खंडेलवाल भी स्थल पर पहुंच गए थे। रेस्क्यू के दौरान संक्रमित 24 कोरोना मरीजों को एंबुलेंस की सहायता से सीधे आरडीगार्डी अस्पताल भेजा गया था।अन्य कोरोना संक्रमित मरीजों को अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया गया था।आग से झुलसे तीन मरीजों को पास के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था।एक मरीज को अन्य अस्पताल में भेजा गया था।इस दौरान रेस्क्यू में लगे कर्मचारियों में से कई ने पीपीई किट पहन रखा था।कुछ ने मास्क लगा रखा था।कुछ मास्क एवं पीपीई किट विहीन थे। रेस्क्यू में शामिल सभी कर्मचारी कोरोना संक्रमितों के सीधे संपर्क में आए थे।ऐसे कर्मचारियो की सोमवार को जांच एवं अन्य कार्य सामने नहीं आया है। इस बारे में सीएमएचओ डा. महावीर खंडेलवाल से जानकारी लेने पर उनका कहना था कि रेस्क्यू में शामिल अस्पताल एवं अन्य अस्पतालों का स्टाफ पुलिस कर्मी थे। अधिकांश पीपीई किट और मास्क पहने हुए थे।हमने कुल 54 लोगों को चिन्हांकित किया है।इनमें शामिल जो लोग हैं सभी को वेक्सीन के दो डोज दिए जा चुके हैं।इन सभी को इनके कार्यस्थल संबंधित अस्पतालों में वाचिंग के लिए कहा गया है।वैसे भी कोरोना संक्रमण के लक्षण तीन से चार दिन बाद सामने आते हैं। ऐसे में तत्काल दुसरे दिन जांच का कोई मायना नहीं है।

-रेस्क्यू के दौरान स्थल पर पहुंच गया था।रेस्क्यू में आग में घिरे मरीजों को निकालना प्राथमिकता थी।सभी को निकाला गया,अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। घटनास्थल पर ही सीएमएचओ को रेस्क्यू में शामिल लोगों को चिन्हांकित कर जानकारी लेने एवं ध्यान देने के निर्देश दिए गए थे।उन्होंने जानकारी दी है कि अधिकांश स्टाफ अस्पताल का ही था,जो पुलिस कर्मी शामिल थे उन्हे वेक्सीन का दुसरा डोज भी लग चुका है।

-आशीषसिंह,कलेक्टर,उज्जैन