चार साल बाद फिर नागपंचमी के दिन महाकाल सवारी का भी संयोग
– 21 अगस्त को लाखों लोगों को नागचंद्रेश्वर के दर्शन कराना और सवारी में भीड़ नियंत्रण करना प्रशासन के लिए चुनौती
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
चार साल के बाद एक बार फिर नागपंचमी महापर्व पर महाकाल की सवारी का संयोग बन रहा है। प्रशासन के लिए इस बार 21 अगस्त का दिन चुनौती भरा रहेगा। क्योंकि इस दिन नागपंचमी का पर्व आ रहा है और इसी दिन शाम को नगर में महाकाल की सवारी भी निकलेगी।
ऐसे में दो तरफ से प्रशासन व पुलिस को दर्शन से लेकर सुरक्षा के इंतजाम करने होंगे। क्योंकि इस दिन देशभर से लाखों लोग उज्जैन में उमड़ेंगे। नागपंचमी का पर्व यहां के लिए वैसे ही खास माना जाता है। क्योंकि साल के केवल एक बार महाकाल के शिखर पर बना दुर्लभ नागचंद्रेश्वर का मंदिर आम लोगों के दर्शन हेतु खोला जाता है। फिर पूरे वर्ष इस मंदिर के कोई दर्शन नहीं कर सकता। इसलिए हर कोई भक्त चाहता है कि वह उज्जैन के नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर आशीर्वाद ले। संयोग से उसी दिन महाकाल की सवारी भी है। क्योंकि इस दिन सोमवार है और भी श्रावण मास का।
वर्ष 2019 में बने थे ऐसे संयोग
इस बार फिर उमड़ेंगे लाखों लोग
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि पूरे चार साल के बाद नागपंचमी पर्व पर महाकाल की सवारी आ रही है। इसके पहले यह संयोग वर्ष 2019 में बना थ। प्रशासन को महाकाल मंदिर से लेकर बाहर पूरे सवारी मार्ग पर लाखों लोगों की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए विशेष इंतजाम करने होंगे। विशेष संयोग होने से लोग नागपंचमी पर दर्शन करने व महाकाल की सवारी देखने के लिए आवश्य आएंगे।
परिसर में 150 फीट लंबी टनल
से लोग लाइन से मंदिर पहुंचेंगे
नागपंचमी पर मंदिर परिसर के अंदर बनाई गई 150 फीट लंबी भूमिगत टनल से होकर श्रद्धालुओं की लाइन नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचेगी। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि टनल में आठ से दस कतारों के में श्रद्धालुओं दर्शन करेंगे। कुल 290 फीट लंबी टनल में 138 फीट का हिस्सा रैंप जैसा बनाया गया है। गणेश मंडप तक टनल का काम यूडीए द्वारा किया जा रहा है जबकि जूना महाकाल मंदिर परिसर के पास से बड़ा गणेश मंदिर की ओर टनल का काम स्मार्ट सिटी कर रही है।