महाकाल की सवारी में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या देख प्रति सोमवार स्कूल में घोषित हो अवकाश
उज्जैन में स्कूली बच्चों के पालकों की राय
उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रावण मास में प्रति सोमवार जैसे-जैसे महाकाल की सवारी निकलती जा रही है, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ती चली जा रही है। अब सिर्फ उज्जैन, इंदौर या आसपास के ही नहीं बल्कि प्रदेश, देश और विदेश तक के श्रद्धालु सवारी में शामिल होने आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा मुश्किल स्कूलों की हो रही है। इस दिन अवकाश घोषित नहीं होने से स्कूल तो लगते ही हैं , परंतु स्कूल की जब छुट्टी होती है तब बच्चों के पालकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पालकों का कहना है कि भगवान महाकाल की सवारी जब निकलती है, तो एक तरह से शहर में उत्सव जैसा माहौल होता है। इस उत्सवी माहौल को देखते हुए स्कूलों में अवकाश घोषित कर देना चाहिए। ऐसा इसलिए भी क्योंकि स्कूल में छुट्टी होने के बाद बसें जब बच्चों को लेकर निकलती है ,तो कई बार एक – डेढ़ घंटे तक लेट हो जाती हैं। बस ड्राइवर भी नहीं बता पाते कि उनकी बस कब किस स्थान पर पहुंचकर बच्चे को उतारेगी। यह समस्या खास तौर पर मक्सी व आगर रोड पर अधिक आती है।
ऐसे में बच्चों के पालकों को एक से डेढ़ घंटे तक बस स्टॉप पर खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। सोमवार वर्किंग डे होता है। ऐसे में इतना समय निकालना भी बहुत मुश्किल होता है। परिजनों को इसमें मैनेज करने में काफी मुश्किल आ रही है। लोगों का कहना है कि जिस तरह सावन के पहले सोमवार पर जिला प्रशासन ने स्कूलों की छुट्टी घोषित की थी, उसी तरह सवारी निकलने वाले प्रति सोमवार को स्कूलों में अवकाश घोषित कर देना चाहिए। लोगों का मानना है कि भगवान महाकाल की सवारी के लिए यदि हफ्ते में एक दिन अवकाश घोषित कर दिया जाए तो कुछ गलत भी नहीं है।