मप्र चुनाव में आम लोगों को टिकट देने की रणनीति, राहुल गांधी करा रहे दो सर्वे
मालवा-निमाड़ सहित सभी 230 सीटों की रिपोर्ट देखेंगे कांग्रेसी नेता
इंदौर। कर्नाटक जीत से उत्साहित कांग्रेस ने उसी फॉर्मूले पर मध्य प्रदेश में काम तेज कर दिया है। पूर्व सांसद राहुल गांधी की टीम यहां दाे तरह से सर्वे कर रही है। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी सीटवार अलग सर्वे कराया है। टिकट वितरण के दौरान नामों को लेकर अलग अलग सर्वे रिपोर्ट्स के आधार पर चयन करके सहमति बनाई जाएगी। मध्य प्रदेश में नवंबर-दिसंबर 2023 में चुनाव होने जा रहे हैं।
राहुल गांधी प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर दो अलग-अलग तरीकों से सर्वे करा रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक और हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भारी सफलता और भारत जोड़ो यात्रा के इफेक्ट को जोड़ा जा रहा है।
सर्वे 10 से 15 अगस्त तक पूरे हो जाएंगे। यही टिकट वितरण का आधार बनेंगे। इसमें कमलनाथ द्वारा कराए गए सर्वे के जरिए यह देखा जाएगा कि उनके सर्वे में संभावित उम्मीदवार को कितने अंक मिले हैं।
राहुल गांधी की पर्सनल टीम और एजेंसी कर रही सर्वे
बताया जाता है कि प्रदेश में उम्मीदवार चयन को लेकर राहुल गांधी की पर्सनल टीम के अलावा एक अन्य एजेंसी यह सर्वे कर रही है। उम्मीदवार के बारे में उसकी सामाजिक सक्रियता, विधानसभा सीट में छवि, पिछले चुनाव में हार-जीत का अंतर, विधानसभा क्षेत्र में जातिगत समीकरण और अंत में कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस के सर्वे में उम्मीदवार को कितने अंक मिले हैं, यह जरूर देखा जाएगा।
टिकट वितरण के दौरान सामने आ सकते हैं चौंकाने वाले नाम
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के खास समर्थक माने जाने वाले जितेंद्र सिंह को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। वहीं टीम द्वारा जो सर्वे कराया जा रहा है वह हर विधानसभा में यह भी देख रही है कि कांग्रेस नेता के अलावा वह और किसे टिकट दे सकती है। टीम हर क्षेत्र में ऐसा चेहरा तलाश कर रही है, जो भले ही आर्थिक रूप से कमजोर हो, लेकिन विधानसभा क्षेत्र में अच्छा प्रभाव रखता है। इन चेहरों में सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक या रिटायर्ड अधिकारी शामिल हैं।