प्रिंसेंस इस्टेट में 27 साल बाद नहीं मिले प्लाट, भूमाफिया पर ईओडब्ल्यू में केस
इंदौर। चर्चित प्रिंसेस इस्टेट जमीन घोटाले मे आर्थिक अपराध ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) में भूमाफिया अरूण डागरिया और महेंद्र जैन पर केस दर्ज हो गया गया। आरोपितों ने निवेशकों से करोड़ों रुपये ले लिए और 27 साल बाद भी प्लाट की रजिस्ट्री नहीं की। कुछ प्लाट दो-दो लोगों को बेच कर रुपये ले लिए। पुलिस को शिकायत की लेकिन दबाव प्रभाव में सुनवाई नहीं हुई। अफसर जांच और लेनदेन का मामला बता कर टालते रहे। एसपी (ईओडब्ल्यू) धनंजय शाह के मुताबिक, मनीषा सोमैया और छाया सोमैया (साकेत नगर) द्वारा शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने अन्य गवाह सरिता शाह, वैशाली जैन, जगदीश बाहेती, कैलाश राठी, कृष्णा राठी, शीतल जैन, हीराबेन पटेल, हेमंत कुमार पटेल के कथन लिए। आवेदकों ने बताया कि आरोपित अरुण डागरिया और महेंद्र जैन की कंपनी फैनी कंस्ट्रक्शन प्रा.लि.द्वारा निपानिया में प्रिंसेस इस्टेट के नाम से कालोनी का विकास किया गया था।निवेशकों को बाकायदा सदस्य बनाया और भूखंड की कीमत ले ली। आरोपितों ने 27 साल बाद भी निवेशकों को भूखंड नहीं सौंपे हैं। दबाव बनाने पर धोखाधड़ीपूर्वक बुलाया और रजिस्ट्री का झांसा देकर सदस्यता रसीदें ले ली। आरोपितों ने स्वहस्ताक्षरित पजेशन लेटर बना दिया लेकिन प्लाट नहीं मिला। एक ही भूखंड अलग-अलग लोगों को बेचा गया। जांच के दौरान ऐसे दस्तावेज भी मिलें जिसमें एक ही रजिस्ट्री को अन्य लोगों के साथ मिलकर दो को की जा रही थी। निरीक्षक राजेंद्र चौहान ने मामले में जांच की और बुधवार को अरुण पुत्र नेमीचंद डागरिया (संपत फार्म) और महेंद्र पुत्र नाथुलाल जैन (साकेत नगर) पर केस दर्ज कर लिया।