इंदौर में 5 करोड़ के सांप बरामद, एसटीएफ ने 4 तस्करों को गिरफ्तार किया
रेड सैंड बोआ को देवास से लेकर आ रहे थे, देश-विदेश की दवा कंपनियों से करते रहे हैं सौदा
ब्रह्मास्त्र इंदौर। एक करोड़ का एक सांप! सुनने में भले ही अटपटा लगे] लेकिन यह सही है। इंदौर एसटीएफ ने 4 तस्करों को पकड़ा है। इनके पास से 5 दोमुहां सांप (रेड सैंड बोआ) जब्त किए हैं। तस्कर रेड सैंड बोआ को देवास से इंदौर बेचने आ रहे थे। बताया जाता है कि इनका उपयोग कैंसर और सेक्स पावर बढ़ाने की दवा बनाने में किया जाता है। कई लोग तांत्रिक क्रिया में भी इसका इस्तेमाल करते हैं।
एसटीएफ एसपी मनीष खत्री ने बताया कि बाइक पर जा रहे 4 लोगों को रोका और तलाशी ली तो बोरे में 5 रेड सैंड बोआ सांप मिले। तस्करों ने यह भी कबूला कि इन सांपों की कीमत 5 करोड़ रुपए से अधिक है। वे कई राज्यों में इनकी तस्करी करते हैं। इनके ग्राहक बंधे हुए नहीं होते थे। इनके दाम बहुत अधिक थे, इस कारण दवा कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय तस्करी करके ही रुपए कमाते थे। मनीष खत्री ने बताया कि ये सांप किसे बेचने जा रहे थे, इस संबंध में जानकारी नहीं मिल पाई है। फिलहाल, उनसे पूछताछ की जा रही है। इनके खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर सांपों को वन विभाग के हवाले किया गया है। इनके पास से दो बाइक एमपी 41 एनए 8846 व एमपी09 वीके 4815 सहित तीन मोबाइल भी बरामद किए गए हैं।
देवास के हैं चारों आरोपी
ल्ल विष्णु पुत्र बच्चू मली (42) निवासी कटाफोड़ तहसील सतवास, जिला देवास
ल्ल राहुल घावरी पुत्र कैलाश घाबरी (32) निवासी कताफोड ग्राम, जिला देवास
ल्ल हरिओम पुत्र बाबूलाल हिरवा (40) निवासी शिव दर्शन नगर, मूसाखेड़ी इंदौर मूल निवासी रेहमानपुरा ग्राम तहसील सतवास, जिला देवास
ल्ल दयाराम पुत्र सेकडिया भार्गव (35) निवासी खुलचिपुरा ग्राम तहसील बागली, जिला देवास
बालू के नीचे रहते हैं रेड सैंड बोआ
रेड सैंड बोआ बालू के नीचे छिपा रहता है, इस वजह से इसका नाम सैंड बोआ है। वह बालू में इस तरह छिप जाता है कि उसका सिर सिर्फ बालू के बाहर नजर आता है। यह प्रजाति उत्तरी अमेरिका में मुख्य रूप से प्रशांत महासागर के तट पर पाई जाती है। इसके अलावा यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और भारत में पाया जाता है।
कई बीमारियों के इलाज में असरदार
प्राणी संग्रहालय के प्रभारी उत्तम यादव का कहना है कि रेड सैंड बोआ प्रजाति के इस सांप का इस्तेमाल कैंसर के इलाज और सेक्स पावर की दवा बनाने में किया जाता है। माना जाता है कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी उत्तेजना पैदा न होने की समस्या को दूर करने में भी यह काफी कारगर है। इसके अलावा दवा और जोड़ों के दर्द की दवा बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है। वहीं, मलेशिया में इससे जुड़ा एक अंधविश्वास है कि सैंड बोआ किसी इंसान की किस्मत चमका देता है। इसके स्किन का इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स और पर्स, हैंडबैग एवं जैकेट बनाने में भी होता है। भारत में इस सांप का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है। इस वजह से बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में इसकी बड़े पैमाने पर तस्करी होती है।