बैंक मैनेजर पर केसीसी एवं ऋण के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगा, दिया धरना
जावरा । सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया की अरनिया पिथा मंडी शाखा महेंद्र सिंह निवासी रिचा चांदा ने फोरलेन किनारे पर ढाबे को बड़ी होटल बनाने के लिए ऋण स्वीकृत करवाने के लिए बैंक अधिकारी एवं दलाल के मार्फत रिश्वत मांगने और फिर बंधक हटाने की एनओसी नहीं देने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को बैंक के सामने धरने पर अपने साथियों के साथ बैठे ।बैंक मैनेजर ने उक्त आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा बैंक द्वारा तो इन्हें सहयोग किया गया।
शिकायतकर्ता महेंद्र सिंह सोलंकी रिछा चांदा ने अपने पत्र में बताया कि मेरा ढाबा है उसे आधुनिक बनाने के लिए बैंक मैनेजर ने आश्वासन दिया था मैं अपने सहयोगियों के साथ बैंक गया ऋण स्वीकृति होने की बात कही गई लेकिन 15 लाख रुपए देने होंगे। 5 लाख एडवांस इसके लिए बैंक ने केसीसी लोन कर दिया। और 2 फरवरी 23 को बंधक चढा दी। जब शिकायत कर्ता महेंद्र सिंह ने लोन लेने से मना किया और केसीसी की राशि मांगी तो कहा तुम्हारी सिविल खराब है। ऋण नहीं मिलेगा मैंने कहा बंधक हटा दो लेकिन बंधक नहीं हटाया फिर केसीसी की राशि चाहिए तो 70 हजार देना होंगे । मैंने मना किया बंधक हटाने की बात कही 6 महीने से बंधक नहीं हटाया इसके लिए मुझे साथियों के साथ धरना देना पड़ा।
इधर सेंट्रल बैंक मैनेजर अपूर्व दोषी से पूछने पर कहा कि मुझ पर रुपये मांगने का आरोप लगाया वह बिल्कुल निराधार गलत है। महेंद्र सिंह ने केसीसी ऋण लिया उन्हें बंधक हटाने उन्हें पोर्टल शुल्क जमा करने को कहा तो वह बैंक से बाहर चले गए फिर बैंक मैनेजर ने ही उक्त राशि जमा कर बंधक हटाया। फिर एनओसी दी जबकि कई बैंकों में इनकी सिविल भी खराब थी।