महिदपुर । परम पूज्य गुरुवर अभिधान राजेन्द्रकोष के निर्माता कलिकाल कल्पतरु पूज्य राजेन्द्रसूरीश्वरजी मसा के पट्टधर श्रीमद्विजय जयानंद सूरीश्वरजी मसा के शिष्यरत्न त्याग एवं सेवा की मूर्ति सरल स्वभावी पूज्य आचार्य श्री दिव्यानंद सूरीश्वरजी मसा आदि ठाणा-8 मुनिगण एवं साध्वी श्री मणिप्रभाश्रीजी मसा की सुशिष्या साध्वी अर्हमयशा श्रीजी मसा आदि ठाणा-6 साध्वी मसा के सानिध्य एवं प्रेरणा से महिदपुर नगर में रमेशचन्द्र लुणावत की पुत्रवधू सौ. निशा दिलीप लुणावत की 31 उपवास (महामृत्युंजय तप) आराधना आज पूर्ण हुई।
इस अवसर पर प्रभुजी की रथयात्रा महिदपुर नगर में बड़े उत्साह उमंग एवं उल्लास से लुणावत परिवार के घर से प्रारम्भ हुई।
जगह- जगह प्रभुजी को अक्षत श्रीफल से बधाकर गहूली की गई। साथ ही नगर के प्रमुख मार्गो पर तपस्वी निशा लुणावत का बड़े हर्ष एवं भाव से बहुमान एवं स्वागत किया। सारे जुलूस में आचार्य श्री मुनि मण्डल एवं साध्वी भगवंत का पावन सानिध्य अनवरत बना रहा। चल समारोह में नगर के गणमान्य श्रावक एवं श्राविका बड़ी संख्या में पधारे। चल समारोह पश्चात धर्मसभा का आयोजन शांतिनाथ आराधना भवन में हुआ। जहां पर गुरुदेव क्षमाविजयजी मसा ने तप की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अपनी ओजस्वी वाणी से कम शब्दों में गागर में सागर भर दिया। उसके बाद आचार्यश्री दिव्यानंद सूरीश्वरजी मसा ने अपने मार्मिक प्रवचन से धर्मसभा में ज्ञान शील तप एवं भाव पर विस्तार से समझाते हुए जैन धर्म में तप की महत्ता को भली प्रकार परिभाषित किया।स्वागत भाषण रमेश लुणावत ने दिया।
धर्मसभा में बाबूलालजी आंचल्या तपागच्छ संघ के अध्यक्ष बबलू सोनी, खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष सरदार चौपड़ा, स्थानक संघ के अध्यक्ष राजकुमार सकलेचा, त्रिस्तुतिक श्री संघ से माणकलाल छाजेड़, अंकुर भटेवरा, रतलाम से पधारे ललित चौरड़िया, कांतिलाल भण्डारी, दिगम्बर श्री संघ से अशोक सोगानी एवं अशोक नवलखा, झारड़ा श्रीसंघ से प्रकाश चौरड़िया एवं अन्य श्री संघों एवं अन्य संस्थाओं द्वारा तपस्वी का शाल, श्रीफल से बहुमान कर अभिनंदन पत्र भेंट किया। अभिनंदन पत्र का वाचन चातुर्मास समिति के अध्यक्ष वर्धमान गादिया ने किया। आभार प्रदर्शन लुणावत परिवार की ओर से त्रिस्तुतिक संघ के अध्यक्ष पारस लुणावत ने किया। उक्त जानकारी चैतन्य यात्रा एवं चातुर्मास समिति के मीडिया प्रभारी अभिषेक छजलानी ने दी।