प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित

श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान कथा का प्रारंभ भव्य कलश यात्रा निकली

तराना । सावन की रिमझिम फुहार के साथ निकली कलश यात्रा का नगर के विभिन्न मार्गो पर पुष्प वर्षा कर स्वागत सत्कार किया गया। । तेज वर्षा में भी भागवत भक्ति का नजारा देखने को मिला। कलश यात्रा में लगभग डेढ़ सौ लोगों ने भाग लिया।कलश यात्रा में भोलेनाथ की झांकी निकाली गई।कलश यात्रा का समापन माहेश्वरी धर्मशाला में किया गया। भागवत कथा ब्रह्मकुमारी सुरेखा दीदी के मुखारविंद से की जा रही है ।
भागवत कथा की सर्वप्रथम आरती बलराम जाजू ,ओमप्रकाश पलोड ,राजेश डोडिया ने सप्तनिक किया। सुरेखा दीदी ने भागवत कथा के प्रथम दिवस बताया कि वर्तमान परिपेक्ष में गीता एक महाभारत की उपयोगिता को दशार्ते हुए कहा कि कौरव अर्थात परमात्मा से विपरीत बुद्धि ,धृतराष्ट्र अर्थात महत्वाकांक्षा और मोह में अंधे व्यक्ति का प्रतीक बताया। दुर्योधन अर्थात धन का दुरुपयोग करने वाले प्रवृत्ति, उन्होंने व्यक्ति के नहीं अपितु उनकी प्रवृत्तियों का वर्णन किया है साथ ही उन्होंने कहा कि गीता सर्व शास्त्रों का सार है ,जीवन जीने की कला है यह सिर्फ अर्जुन श्री कृष्ण के संवाद मात्र नहीं है भगवान द्वारा हर समस्या ग्रस्त व्यक्ति को सिखाया गया श्रेष्ठ समाधान है ।कथा के अंत में भागवत महारानी की आरती सुभाष जोशी एवं मुकेश चौहान द्वारा सपत्नीक की गई।तथा प्रसाद वितरण के साथ प्रथम दिन का समापन हुआ।
भागवत कथा के अवसर पर नागदा ,महिदपुर ,उज्जैन से पधारी धर्म प्रेमी जनता ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया। कथा स्थानीय माहेश्वरी धर्मशाला में दोपहर 1:00 से 4:00 तक आयोजित की जा रही है। नगर के समस्त धर्म प्रेमी जनता से अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्म लाभ लेवे । जानकारी ब्रह्मा कुमारी मीना दीदी ने दी। चित्र एक में कलश यात्रा चित्र दो में सुरेखा दीदी

 

Author: Dainik Awantika