मुख्यमंत्री की नागदा को जिला बनाने की घोषणा बनी भाजपा के लिए गले की हड्डी ????
आलोट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गत दिनों नागदा में आयोजित एक कार्यक्रम में उज्जैन जिले के नागदा निवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग नागदा को जिला बनाने को स्वीकार करते हुए नागदा में नागदा , आलोट,खाचरोद एवं ताल तहसील को सम्मिलित कर नागदा जिला बनाने की घोषणा कर दी चुनावी मौसम में की गई यह घोषणा नागदा खाचरोद विधानसभा एवं आलोट विधानसभा के वोट बटोरने के लिए की गई प्रतीत होती है,लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद ही खाचरोद एवं ताल तहसील के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है जहां खाचरोद में व्यापारियों ने 1 दिन का नगर बंद रख कर अपना विरोध प्रदर्शित किया वहीं ताल के लोग दुकानों दुकानों पर हमारा जिला रतलाम के बैनर पोस्टर लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं तो 5 तारीख को ताल नगर के सभी व्यापारी एवं सभी दलों के नेताओं ने एकजुट होकर नगर को संपूर्ण बंद कर ताल को नागदा में सम्मिलित किए जाने का पुरजोर विरोध किया है यंहा के नेताओं ने अपने तीखे तेवर दिखाकर भाजपा को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है ताल के लोगों का कहना है कि हम नागदा में किसी भी कीमत पर सम्मिलित नहीं होंगे हमारा जिला रतलाम था और रहेगा।
प्रेस क्लब परिचर्चा में आलोट जिला बनाने की उठी मांग…. ताल में धरना प्रदर्शन…
इसी मुद्दे पर आलोट में प्रेस क्लब द्वारा रविवार को एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें आलोट नागदा में जाएगा या रतलाम में रहेगा विषय पर चर्चा होनी थी परिचर्चा में पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि कालू सिंह परिहार नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि अभिषेक जैन बंटी एवं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता योगेंद्र सिंह जादौन सम्मिलित हुए।
परिचर्चा में जहां पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत ने जो कि नागदा के मूलनिवासी भी है ने पुरजोर तरीके से नागदा को जिला बनाने की बात कही। वहीं अभिषेक जैन बंटी ने नागदा को जिला बनाने पर अपनी सहमति प्रदान की तो कांग्रेस प्रवक्ता जादौन ने इस घोषणा को चुनावी जुमला करार दिया है।
इसी बीच जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि परिहार ने अपना मत प्रकट करते हुए कहा कि नागदा तो पहले तहसील भी नहीं था पिछले कुछ वर्षों पहले ही बना है आलोट पुरानी तहसील है एवं भौगोलिक दृष्टिकोण से भी परिपूर्ण है नागदा उज्जैन जिले की तहसील है और आलोट रतलाम जिले की तहसील है ऐसे में हमें आलोट को ही जिला बनाने की मांग करना चाहिए जिसमें ताल तहसील भी अपना समर्थन प्रदान करेगी परिहार के आलोट को जिला बनाने की मांग किए जाने के साथ ही परिसर तालिया से गूंज उठा एवं सभी ने एकमत होकर आलोट को जिला बनाने की मांग का हाथ खड़ा कर समर्थन किया इसके साथ ही सोशल मीडिया पर आलोट को जिला बनाओ मांग ने जोर पकड़ लिया है।
वही रतलाम जिले की ही एक बड़ी तहसील जावरा के कद्दावर नेता राजेंद्र पांडे एवं अन्य कांग्रेसी नेता भी पिछले कई वर्षों से जावरा को जिला बनाने की मांग करते आ रहे हैं। नागदा को जिला बनाने की
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से ही जावरा के लोगों में असंतोष फैला है क्योंकि उनकी वर्षों पुरानी मांग अब मांग ही बनकर रह गई है।
इस सबके बीच भाजपा के लिए यह घोषणा गले की हड्डी बन गई है क्योंकि नागदा जिले में ताल एवं खाचरोद के साथ अब आलोट भी जाने को तैयार नहीं है ऐसे में नागदा का जिला बनना अभी खटाई में पड़ता दिख रहा है यदि नागदा जिला नहीं बनता है तब नागदा विधानसभा में जनमत भाजपा के विरोध में होगा वही यदि नागदा को जिला बनाया जाता है एवं ताल और आलोट को जबरन सम्मिलित किया जाता है तो आलोट विधानसभा में जनादेश भाजपा के विरोध में होगा इस तरह यह घोषणा नागदा आलोट एवं जावरा 3 विधानसभाओं को प्रभावित कर रही है अब देखना है कि भाजपा आलाकमान इस पर क्या निर्णय लेता है।