आदिवासी समाज में प्रकृति को सहेजने की कला निहित
दैनिक अवन्तिका
खाचरोद । आदिवासी समाज में शुरू से ही प्रकृति के साथ प्रगति के लिए प्रकृति को देते हुए और सहजते हुए जीवन जिया है। जल, जमीन, जंगल, जानवर व जैव विविधता को यदि आज तक बचा कर रखा है तो वह वर्ग व समुदाय सिर्फ और सिर्फ आदिवासी है ।
उक्त विचार विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी समाज द्वारा निकाले गए चल समारोह का विधायक कार्यालय के समक्ष स्वागत अवसर पर जनपद अध्यक्ष कुंवर पृथ्वीराज सिंह भुवासा ने व्यक्त किए। विधायक निज सचिव स्वरूप नारायण चतुर्वेदी ने कहा कि आदिवासी समुदाय ने सदैव अहिंसक कृषि को ही अपनाया है और चक्रीय जीवन शैली के नेतृत्व को बढ़ावा दिया है यदि प्रकृति से लिया है तो लौटाया भी है।
इस अवसर पर आदिवासी समाज के प्रमुख संजय महाराज, पार्षद प्रमोद चौहान, दौलत राम डीडोर, संतोष खेर, सरपंच शांतिलाल चौधरी, आकाश दायना, कमल चौधरी, बालू सिंह खराड़ी, दीपक मालावत विक्रम चौहान, मनोहर खेर, गोविंद दायना, राहुल खराड़ी, भगत पटेल, नटवर खेर, चरण सिंह, शंभू, विजय, रवि खेर अजय खेर ,गौरी शंकर खेर सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग उपस्थित थे स्वागत कर्ता नागेश्वर पाटीदार,चंपालाल चौधरी पार्षद राजेंद्र धाकड़, दशरथ वक्तरिया, जयपाल सिंह, महेंद्र सिंह ,बाबू बागेड़ी, लखन पटेल, देवेंद्र सिंह, जितेंद्र चतुर्वेदी सहित बड़ी संख्या में कार्यकतार्ओं ने स्वागत किया।