कावड़ यात्रियों की वेशभूषा में रामघाट पहुंचे उ.प्र. के संदिग्ध
उज्जैन। कावड़ लेकर आये कुछ लोग गुरूवार सुबह रामघाट पहुंचे और महिला श्रद्धालुओं से जबरन पैसों की मांग करने लगे। ड्युटी पर तैनात पुलिसकर्मी को पता चला तो वह पूछताछ करने पहुंचे तो सामने आया कि कावड़ यात्रियों की वेशभूषा में उत्तर प्रदेश के संदिग्ध है।
शहर में आगररोड के रास्ते 12 से 15 कावड़ यात्रियों ने सुबह के समय प्रवेश किया था। उनके हाथों में बड़ी-बड़ी कावड़ थी, जिसमें पवित्र जल से भरे पात्र तो नहीं थे, लेकिन देवी-देवताओं के फोटो लगे थे। उन्हे देखकर लगा कि काफी दूर से बाबा महाकाल के दर्शन करने आये है। लेकिन जैसे ही उन्होने शहर के मध्य कदम रखा लोगों से पैसे मांगना शुरू कर दिये। 11 बजे के लगभग कावड़ यात्रियों का दल रामघाट जा पहुंचा। जहां बाहर से आई महिला श्रद्धालुओं से जबरदस्ती पैसों की मांग की जाने लगी। घाट पर ड्युटी कर रहे प्रधान आरक्षक मोहनसिंह परमार को कावड़ यात्रियों द्वारा महिला श्रद्धालुओं से पैसे की वसूली किये जाने की जानकारी लगी तो वह पूछताछ करने पहुंचे। पुलिस को देख सभी इधर-उधर भागने का प्रयास करने लगे। प्रधान आरक्षक ने उन्हे घेरा और पूछताछ शुरू की। उनके आधार कार्ड चैक किये गये। इस दौरान सामने आया कि संदिग्ध कावड़ यात्री है और उत्तरप्रदेश के बाराबंकी के बुढवल गौंदरा के रहने वाले है। पूछताछ में वह हरिद्धार से आना बता रहे थे। उनकी गतिविधियां संदिग्ध होने पर सभी को रामघाट क्षेत्र से खदेड़कर बाहर किया गया। गौरतलब हो कि सवान माह में रामघाट और महाकाल मंदिर प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे रहे है। जिनके बीच वेशभूषा बदलकर बदमाश भी शामिल हो रहे है। कुछ दिन पहले 8 से 10 बदमाशों को पकड़ा था, जो रामघाट क्षेत्र में श्रद्धालुओं के मोबाइल, बेग और रुपए चुराने की वारदात कर रहे थे। यहीं नहीं कुछ बदमाशों को दुकानों से सामान चुराते हुए भी पकड़ा गया था। जिसमें महिलाएं भी शामिल थी। सभी उत्तरप्रदेश के गोंडा के रहने वाले सामने आये थे। जिनके खिलाफ महाकाल पुलिस ने प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर जेल भेजा था।