विश्व आदिवासी दिवस पर आमु आखा एक छै, जय जोहार से गूंजा शहर
शहर में निकली आदिवासी समाज की रैली, मांदल की थाप पर लोकनृत्य किया
देवास । शहर में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। आमु आखा एक छै, जय जोहार का नारा है भारत देश हमारा है, एक तीर एक कमान आदिवासी एक समान, वनवासी नहीं आदिवासी है हम इस देश के मूलवासी है, सरकार देश की चालक है आदिवासी देश का मालिक है, यूसीसी रद्द करो, जल जंगल जमीन कुणीन छै आमरी छै आमरी छै, आदिवासियों पर शोषण अत्याचार बंद हो, विश्व में शांति कायम हो, ना नेता का नाम किसी गुंडा का, यह देश है बिरसा मुंडा जैसे नारो के साथ जिले से पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा पहनकर हाथ में सजी धजी रंगबिरंगी तीर कमान, महिलाएं आदिवासी नाटी पहने, हाथ में फालिया, कमर पर गोफन बांधकर, सिर पर लाल साफा ,गले में आदिवासी पीला गमछा डालकर, मांदल की थाप तथा बांसुरी की धून पर आदिवासी लोकनृत्य करते हुए आदिवासी समाज का कुदरती प्राकृतिक रंग पीला झंडा और तिरंगा हाथ में लेकर हजारों की संख्या में आदिवासी समाजजन स्वास्तिक गार्डन भोपाल चौराहा में एकत्रित हुए।
वहां से कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर स्वास्तिक गार्डन में सामाजिक वैचारिक आमसभा हुई। आमसभा को कई बौद्धिक वक्ताओं ने अपना उद्बोधन दिया। लाखन सिंह पर्ते ने कहा आदिवासी समाज की द्रोपदी मूर्मू के राष्ट्रपति बनने पर हमारा सीना गर्व से चौड़ा हुआ था लेकिन राष्ट्रपति ने विश्व आदिवासी दिवस की बधाई तक नहीं दी। भानुप्रताप सिंह उईके ने कहा चाहे कोई भी सरकार हो आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा, जल जंगल जमीन के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है, आदिवासी समाज पर दिन प्रतिदिन शोषण और अत्याचार बढ़ता जा रहा है इसलिए अब वक्त है स्वयं का नेतृत्व खडा़ किया जाये। मणिपुर में हिंसा बंद हो। शांति कायम हो। रैली में जबलपुर, आलिराजपुर तथा सतवास, उंराव समाज का सांस्कृतिक लोकनृत्य ने आकर्षित किया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में जयस, बिरसा ब्रिगेड, आदिवासी एकता परिषद, गोंड महासभा, आदिवासी छात्र संगठन, आदिवासी मुक्ति मोर्चा संगठन सहित सर्व आदिवासी समाज के सगाजन उपस्थित थे।