राजदीप ने भारतीय सेना से लेकर एमेज़ॉन का अमेजोनियन बनने तक के अपने अनुभवों पर बात की

इंदौर ।   इस स्‍वतंत्रता दिवस पर देश आजादी के उत्‍साह में सराबोर होने के लिये तैयार है और हम न सिर्फ देश की आजादी का, बल्कि ऐसे लोगों की उल्‍लेखनीय कहानियों का भी जश्‍न मनाएंगे, जिन्‍होंने अनूठे तरीकों से देश के विकास एवं प्रगति में योगदान दिया है। अमेज़न में सैकड़ों भूतपूर्व सैनिक नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं और ग्राहक अनुभव को बेहतर बना रहे हैं। इन लोगों के पास अमूल्‍य अनुभव है और ये अलग-अलग भूमिकाओं में अपने ज्ञान, कौशल और नेतृत्‍व की क्षमताओं का पूरा फायदा उठाते हैं। भूतपूर्व सैनिकों के लिये मजबूत व्‍यवस्‍था और समर्पित कार्यक्रम के साथ, अमेज़न उनका स्‍वागत करती है और सफल कॉर्पोरेट कॅरियर बनाने में उनकी सहायता करती है।

मिलिए राजदीप से, जोकि लचीलेपन और बदलाव के असली प्रतीक हैं। सशस्‍त्र बल से लेकर कॉर्पोरेट रूम्‍स का रुख करने तक, उनकी उल्‍लेखनीय यात्रा में किसी भी नई चीज को अपनाने और नेतृत्‍व के उत्‍साह नजर आता है जोकि हमारे समय को परिभाषित करता है।

सितंबर 2012 में कमीशन हुए राजदीप ने सेना में एक दशक तक काम किया और असाधारण उपलब्धियाँ हासिल कीं। कारगिल युद्ध में अपने शौर्य के लिये सम्‍मान पाने वाली प्रतिष्ठित इंफैन्‍ट्री बटालियन में कमिशन होने के बाद उन्‍होंने अपने कार्यकाल में बहुआयामी भूमिकाएं निभाईं। सियाचिन ग्‍लैशियर में युद्ध कौशल की महारथ लेने से लेकर बचाव के कई मिशन को पूरा करने तक, राजदीप ने हमारे देश के विभिन्‍न भूभागों पर काम किया है। उल्‍लेखनीय ढंग से उन्‍हें श्रेष्‍ठ कमांडोज़ के बीच स्‍थान मिला और ‘सर्टिफाइड होस्‍टेज निगोशियेटर’ होने की विशिष्‍टता भी प्राप्‍त हुई।

जब राजदीप ने एमेज़ॉन इंडिया में एक नई ज़िंदगी को गले लगाया, तब उनका एक नया दौर शुरू हुआ। अक्‍टूबर 2022 में प्रोग्राम मैनेजर के तौर पर वर्ल्‍डवाइड प्राइसिंग के तहत कॉम्‍पीटिटर मॉनिटरिंग टीम में शामिल होने पर उन्‍हें एमेज़ॉन के अंतर्राष्‍ट्रीय मार्केटप्‍लेसेस में प्राइसिंग ऑटोमेशन प्रोग्राम्‍स के निरीक्षण की जिम्‍मेदारी मिली।

अपने सफर के बारे में राजदीप ने बताया, “सेना के अनुशासित जीवन से कॉर्पोरेट दुनिया में आना आश्‍चर्यजनक तरीके से आसान रहा। इसमें साझा सिद्धांत और कड़ी मेहनत के लिये अटूट प्रतिबद्धता शामिल थी। सेना में काम करने के दौरान हर चीज पर सावधानी से ध्‍यान देना सीखने से मुझे अमेज़न में भी मद्द मिली। सेना की तरह ही एमेज़ॉन में भी आकस्मिकता के लिये सावधानी से योजना बनाना जीने का एक तरीका है, जिसमें तैयारी और रणनीतिक मूल्‍यांकन के महत्‍व पर जोर दिया जाता है।”

राजदीप को एमेज़ॉन की विशिष्‍ट संस्‍कृति बेहद जोशीली और अपारंपरिक लगती है। सहयोगी रणनीतियाँ बोर्डरूम्‍स के भीतर ही नहीं, बल्कि सामान्‍य बातचीत में भी बनाई जाती हैं, ताकि ग्राहकों को बेहतर अनुभव मिले। वह बताते हैं, “भरोसा जीतना सेना में अहम था, क्‍योंकि इस पर हमारा जीवन निर्भर करता था। अमेज़न की कार्यस्‍थल की संस्‍कृति सेना जैसी ही है। अमेज़न में लीडर हर दिन अपनी टीम का भरोसा जीतने की कोशिश में रहते हैं। और साथ मिलकर हम अपने ग्राहकों का भरोसा जीतने की कोशिश करते हैं।”

काम के अलावा, राजदीप को कई चीजों में दिलचस्‍पी है। उन्‍हें बास्‍केटबॉल खेलने में मजा आता है और बीते वर्षों में उन्‍हें कई पुरस्‍कार मिले हैं। वह एक उत्‍साही पाठक हैं और उन्‍हें यात्रा करना, नई-नई जगहों पर घूमना पसंद है। इतना ही नहीं, उन्‍हें फिटनेस और कुकिंग का भी जुनून है और कुत्‍तों के लिए उनके दिल में खास जगह है।

सशस्‍त्र बलों के भूतपूर्व कर्मियों को शामिल करना प्रेरणा के स्रोत की तरह काम करता है, इससे आत्‍मविश्‍वास मिलता है और टीम की गतिशीलता को बढ़ावा मिलता है। मेघा जैसे दिग्‍गजों में अपने शार्प फोकस और टीमों में अटूट सम्‍बंध बनाने की उल्‍लेखनीय योग्‍यता होती है। ऐसे लोगों से मिलने वाले बेजोड़ महत्‍व को समझते हुए एमेज़ॉन जैसी कंपनियों ने न सिर्फ ऐसी अपवादी प्रतिभाओं के लिये अपने दरवाजे खोले हैं, बल्कि कॉर्पोरेट दुनिया में उनके प्रवेश के लिये बीस्‍पोक प्रोग्राम भी बनाये हैं। एमेज़ॉन के पास हर तरह के लोगों के लिये हर तरह के काम हैं और कंपनी को सभी प्रकार की पृष्‍ठभूमि और अनुभवों वाले लोग लेने और नेतृत्‍व तथा विचारों की विविधता पर गर्व है- यह दुनिया की सबसे ग्राहक-केन्द्रित कंपनी बनाने के इसके मिशन का एक महत्‍वपूर्ण भाग है। मिलिट्री प्रोग्राम और मिलिट्री एम्‍बेसेडर प्रोग्राम, आदि भूतपूर्व सैनिकों के अनुभवों और विविध कौशल का लाभ उठाने के लिये अमेज़न की प्रतिबद्धता दिखाते हैं।