नलों में आ रहे गंदे पानी की समस्या पहुंची हाई कोर्ट

 इंदौर।  नर्मदा के नलों में आ रहे गंदे पानी की समस्या हाई कोर्ट पहुंच गई है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख ने इस समस्या को लेकर जनहित याचिका दायर की है। पूर्व पार्षद शेख अलीम उनकी ओर से पैरवी कर रहे हैं। याचिका में पहली सुनवाई शुक्रवार को होना है।
याचिका में कहा है कि पूरा शहर नल में आ रहे गंदे पानी की समस्या से जूझ रहा है। कई इलाकों में तो दूषित पानी की हालत इतनी खराब है कि इसे पीना तो दूर इसके इस्तेमाल तक नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता ने शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से नल में आ रहे पानी के सैंपल लिए और इन्हें नगर निगम की लैब में ही जंचवाया। जांच रिपोर्ट में चौकाने वाली बात सामने आई है। ज्यादातर जगह सैंपल फेल हो गया। यानी नगर निगम की लैब ने भी माना कि नल से आ रहा पानी पीने योग्य नहीं है। याचिका में लैब की रिपोर्ट भी संलग्न की गई है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की युगलपीठ इस मामले में सुनवाई करेगी। इसके बाद ही सुनवाई की अगली तारीख तय होगी।हुकमचंद मिल मजदूरों को तारीख का इंतजार
इधर हुकमचंद मिल के हजारों मजदूर और उनका परिवार इस बात का इंतजार कर रहा है कि हाई कोर्ट इस मामले को अगली सुनवाई के लिए कब लगाता है। याचिका में अंतिम सुनवाई 20 जून को हुई थी। प्रकरण की सुनवाई न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर कर रहे हैं। अंतिम सुनवाई के दिन न्यायालय के समक्ष एक व्यवसायिक फर्म ने आवेदन देते हुए कहा था कि फर्म को भी हुकमचंद मिल प्रबंधन से कुछ पैसा लेना बाकी है। इस पर कोर्ट ने फर्म के आवेदन को रिकार्ड पर ले लिया था। इसके बाद से अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
हजारों को लौटना पड़ा
कोर्ट ने मौखिक रूप से 7 अगस्त को सुनवाई नियत की थी, लेकिन सात अगस्त को यह केस लिस्ट में ही नहीं लगा। दरअसल आवेदन में ही निर्णय अब तक नियत नहीं हो सका है।

Author: Dainik Awantika