भागवत कथा में शिव पार्वती विवाह की कथा सुनाई
तराना । विश्व मंगल परिवार सेवा संस्थान तराना द्वारा मंडी प्रांगण में सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन रखा गया। अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक देवी महेश्वरी श्रीजी (साधना श्री) वृंदावन ने अपने मुखार बिंद से तृतीय दिवस की कथा में प्रवेश करते हुए देवी जी ने मत्स्य , कच्छप , वाराह, नरसिंह वामन आदि अवतारों की कथा का विस्तार से वर्णन करते हुऐ शिव पार्वती विवाह की कथा सुनाई। बताया कि सती जी के देहावसान के बाद भगवान भोलेनाथ समाधि में चले गए।इधर तारकासुर का आतंक सुरु हो गया। जिसका वध शिव जी के पुत्र के द्वारा ही हो सकता था।तब देवताओं ने अथक प्रयास किया भगवान शिव को जगाने का।फिर कामदेव को भेजा और कामदेव को भोलेनाथ ने भस्म कर दिया तब देवताओं ने अनुनय विनय करके भगवान को मनाया और विवाह करने की प्रार्थना की। इधर पार्वती जी भी शिव को प्राप्त करने के लिए तपस्या करती है।भगवान विष्णु ने कहा कि सभी अपने अपने समाज के लोग अलग अलग होके चले बारात हिमालय के घर पहुंची द्वारचार के समय शिव को देखकर मैना मैया मूर्छित हो गईं नारद जी के समझाने के बाद विवाह संपन्न होता है। दिव्य कथा श्रवण कर कथा पांडाल में बैठे भक्त भाव विभोर हो गए। कथा के मुख्य यजमान दीपक शर्मा, प्रहलाद शर्मा, देवकरण मालवीय (पटवारी)एवं जगदीश गोस्वामी द्वारा श्रीभागवत भगवान का पूजन कर श्रीजी का आशीर्वाद लिया।