भोले की भक्ति में रमा शहर, ऋणमुक्तेश्वर और पशुपतिनाथ महादेव ने जाने प्रजा के हाल 84 शिवलिंग दर्शन और हाटकेश्वर पदयात्रा में भी गूंजे जयकारे
खरगोन । समूचा शहर रविवार को भूतभावन भगवान भोलेनाथ की भक्ति में रमा रहा। दिनभर धार्मिक आयोजनों का दौर चलता रहा। दोपहर करीब एक बजे ऋणमुक्तेश्वर महादेव की शाही सवारी शिवडोले के रुप में निकाली गई। बाबा के शिवडोले में करीब 15 चलित झाकियां, जिसमें महांकाल तांडव, बाबा बफार्नी, श्रीराम दरबार, शिश के दानी बाबा श्री खाटू श्याम, शिव विवाह की झांकियां आकर्षण का केंद्र रही। डीजे की धुन पर बज रहे धार्मिक भजनों पर युवा खूब थिरके। डीआरपी लाईन से जैतापुर का करीब डेढ़ किमी का मार्ग शिवभक्तों से पटा रहा। करीब 10 घंटे तक चले डोले में भक्तों का सैलाब उमड़ता रहा। यात्रा मार्ग पर करीब 50 से अधिक स्थानों पर सेवा स्टॉल लगाए गए थे। जहां भोले भक्तों ने पोहा, भजिये, ककड़ी, हलवे, केले, आईस्क्रीम आदि वितरित किए गए। शिवडोला सनावद रोड़ पर अस्पताल के सामने स्थित श्री नागमंदिर के समीप से वापस मंदिर की ओर लौट गया।
पशुपतिनाथ महादेव ने भी जाने प्रजा के हाल
नूतन नगर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर से दोपहर 3 बजे महाआरती के बाद भव्य पालकी यात्रा निकाली गई। फूलों से सुसज्जित बग्घी में भगवान पशुपतिनाथ को विराजित किया। बाबा ने करीब 6 घंटे तक कॉलोनी के विभिन्न मार्गो पर भ्रमण कर प्रजा के हाल जाने। इस दौरान बग्घी में माता पार्वती और बाबा भोले के रुप में श्रृंगारित होकर बैठे नन्हें बालक और बालिका आकर्षण का केंद्र रहे। इसी तरह भोले शंभू, भोलेनाथ के जयकारों के साथ रविवार को 84 शिवदर्शन यात्रा नगर में सुबह 6 बजे कुंदा नदी तट स्थित श्री बड़घाटेश्वर महादेव मंदिर में पूजन.अर्चन कर निकाली गई। यात्रा में विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा स्वागत एवं सेवा मंच लगाकर शिव भक्तों का स्वागत किया।
तिरंगा और भगवा थामे निकाली हाटकेश्वर पदयात्रा
बिस्टान रोड स्थित दशोरा नागर धर्मशाला से सुबह 9 बजे भगवान भोलेनाथ की आरती व भोले शंभू भोलेनाथ की जयकारों के साथ हाटकेश्वर पदयात्रा की शुरूआत हुई। अध्यक्ष बलिराम गुप्ता, संजय गुप्ता ने बताया कि यात्रा शहर के विभिन्न मार्गो से होकर 18 किमी दूर ऊन पहुंची जहां भगवान हाटकेश्वर का रुद्राभिषेक एवं महाआरती की गई।