चिकित्सा पर्यटन में आठ अरब की हो सकती है वृद्धि

इंदौर ।  भारत के पास चिकित्सा पर्यटन का नेतृत्व करने के अवसर हैं और इस उद्योग में तीन अरब से आठ अरब तक की वृद्धि हो सकती है। यह अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भारत को नेतृत्व प्रदान कर सकता है।
यह बात इंदौर कैंसर फाउंडेशन के डा. दिग्पाल धारकर ने सोमवार को बतौर मुख्य वक्ता आइआइएम इंदौर में आयोजित जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम में कही। यह कार्यक्रम विदेश मंत्रालय (एमईए) के तहत विकासशील देशों की अनुसंधान और सूचना प्रणाली (आरआइएस) के सहयोग से हुआ। इसका उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य, सेवा और वैश्विक कूटनीति पर चर्चा करना था। इस दौरान राजदूत एल सावित्री भी मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित थी। डा. दिग्पाल धारकर ने इंदौर कैंसर फाउंडेशन को निश्शुल्क परामर्श प्रदान करने में आइआइएम इंदौर के योगदान की सराहना की। साथ ही उन्होंने भारत के बढ़ते इंटरनेट उपयोगकर्ता आधार और स्मार्टफोन की पहुंच का हवाला देते हुए डिजिटल प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि ऐसी उभरती हुई तकनीक के साथ हम स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच और प्रारंभिक बीमारी का पता लगाने में क्रांति ला सकते हैं। इससे हम चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकते हैं।
राजदूत एलसावित्री ने कहा कि यह देखना गर्व की बात है कि हर कोई जानता है कि जी20 क्या है और यह विविधता में हमारी एकता को दशार्ता है। उन्होंने जी20 एजेंडा को आकार देने वाले ट्रैक शेरपा और फाइनेंस ट्रैक पर चर्चा की। साथ ही हरित दुनिया की ओर ऊर्जा परिवर्तन, सतत विकास लक्ष्य और पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए भी चर्चा की।
आइआइएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने कहा कि शिक्षा न केवल व्यक्तिगत विकास का साधन है बल्कि वैश्विक प्रगति के लिए उत्प्रेरक भी है। आइआइएम इंदौर का नजरिया जी20 मिशन के अनुरूप है। हम ऐसे युवा प्रबंधकों को तैयार करते हैं जो वैश्विक अंतसंर्बंध को समझते हैं और सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आरआइएस की सलाहकार नियति सिंह ने एक प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया। विद्यार्थियों ने जी20 के विषयों और इसके निहितार्थों पर गहराई से प्रकाश डालते हुए वक्ताओं के सामने प्रश्न पूछे। विजेताओं को पुरस्कार दिए गए और प्रतियोगिता के आयोजकों को भी प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।