सामाजिक समरसता के लिए स्नेह यात्रा 26 अगस्त तक आयोजन होगा संत जगायेंगे आत्मीयता का भाव

उज्जैन । साधु-संतों के सान्निध्य में समाज के विभिन्न वर्गों में आत्मीयता का भाव बढ़ाने और सामाजिक समरसता के उद्देश्य को लेकर प्रदेशव्यापी स्नेह यात्रा का शुभारंभ गत दिवस हुआ। मप्र जन-अभियान परिषद, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग और संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में स्नेह यात्रा 16 अगस्त से प्रारम्भ हो गई है और यात्रा का आयोजन 26 अगस्त तक होगा। यात्रा के दौरान प्रत्येक जिले में संत भ्रमण करेंगे और वहाँ की बस्तियों में जाकर समरसता के भाव से जन-मानस से संवाद करेंगे। निवाड़ी, उज्जैन, खंडवा, शिवपुरी, सिवनी, अनूपपुर, रायसेन, दमोह, शहडोल, सीधी, इंदौर, मुरैना, नरसिंहपुर और रीवा सहित सभी जिलों से शुरू हो चुकी है।

एकात्म भाव के जागरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी स्नेह यात्रा

स्नेह यात्रा अध्यात्म के प्रभाव के साथ-साथ समाजिक समरसता के लिए अनूठी पहल है। विश्व बंधुत्व के भाव के साथ देश के अलग-अलग स्थानों से पधारे संत-गण प्रदेश के हर जिले में यात्राएँ करेंगे। यात्रा के दौरान समरसता को बढ़ाने वाली अनेक तरह की गतिविधियों का संचालन किया जाना है। यात्रा में महर्षि पतंजलि योग समिति, रामचंद्र मिशन, गायत्री परिवार सहित अन्य आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। यह यात्रा समाज में एकात्मक भाव के जागरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

एक थाल-एक ख्यालके रूप में जोड़ने का प्रयास

यात्रा समाज के समस्त वर्गों को भेदभाव भुला कर ‘एक थाल-एक ख्याल’ के रूप में जोड़ने का प्रयास है। सभी जिलों में एक ही अवधि में समानान्तर 52 यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक जिले में एक पूज्य संत के नेतृत्व में विशेष यात्रा दल जिले के समस्त विकासखंडों से होते हुए 11 दिन की अवधि में उसी जिले के किसी दूसरे प्रमुख स्थान पर समाप्त होगी। यात्रा प्रतिदिन 2 खंडों में सम्पन्न होगी। प्रथम चरण में प्रातः 9 से 2 बजे तक एवं द्वितीय चरण में शाम 4 से 9 बजे रात्रि तक रहेगी। प्रथम चरण में न्यूनतम 5 ग्रामों/क्षेत्रों में संपर्क के बाद यात्रा संवाद स्थल पर पहुँचेगी। द्वितीय चरण में सत्संग, संकीर्तन और सहभोज के साथ उस दिन का समापन होगा। यात्रा में यथासंभव प्रतिदिन स्थानीय संसाधन, व्यक्ति, परंपरा, सामग्री और सबके सहयोग से कार्यक्रम आयोजित होंगे।