भाजपा ने राऊ में मधु वर्मा पर फिर जताया भरोसा, पिछली बार 15 दिन पहले बनाया था प्रत्याशी
इंदौर । राऊ विधानसभा सीट पर भाजपा ने एक बार फिर मधु वर्मा पर भरोसा जताया है। पिछले चुनाव में वे करीब साढ़े पांच हजार मतों से कांग्रेस प्रत्याशी जीतू पटवारी से पराजित हुए थे। इस विधानसभा में ग्रामीण और शहरी दोनों इलाके शामिल हैं। शहरी हिस्से में मराठीभाषी वोट बैंक महत्वपूर्ण माना जाता है। यही वजह थी कि इस सीट से भाजपा के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे का नाम भी चल रहा था। विधानसभा में बड़ी संख्या में खाती समाज के मतदाता रहते हैं। इसी समाज से आने वाले जीतू जिराती भी यहां से टिकट की दौड़ में शामिल थे। वे वर्ष 2013 में यहां से विधायक रह भी चुके हैं। करीब 15 वर्ष पहले यह विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी। अब तक यहां से दो बार कांग्रेस और एक बार भाजपा प्रत्याशी विजयी रहे हैं।
पटवारी को घेरने की रणनीति
पिछले चुनाव में भी मधु वर्मा ही भाजपा के प्रत्याशी थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें 15 दिन पहले उम्मीदवार बनाया था। वहीं, इस बार आचार संहिता लगने से पहले ही उनके नाम की घोषणा कर दी गई है। इसे जीतू पटवारी को उनके ही क्षेत्र में घेरे रखने की रणनीति माना जा रहा है। वर्मा का कहना है कि चुनाव हारने के बावजूद वे विधानसभा क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय रहे हैं। इसका फायदा उन्हें मिलेगा। मधु वर्मा इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं। उनके कार्यकाल के दौरान इंदौर विकास प्राधिकरण ने कई फ्लाई ओवर बनाए थे।कम किया था जीत का अंतर
वर्ष 2013 में जीतू पटवारी ने राऊ विधानसभा सीट से करीब 16 हजार मतों से जीत दर्ज की थी। वर्ष 2018 में मुकाबला पटवारी और भाजपा के मधु वर्मा के बीच था। इस बार जीत का अंतर 16 हजार से कम होकर 5700 पर आ गया था। जानकार मानकर चल रहे हैं कि अगर इस बार भी कांग्रेस जीतू पटवारी को प्रत्याशी बनाती है तो रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है।