महिदपुर ग्राम नारायणा धाम में हजारों कि संख्या में जनसमुदाय हुआ शामिल स्वर्णागिरी पर्वत परिक्रमा यात्रा का भव्य आयोजन

महिदपुर ।  धर्मालुजन भव्य स्वर्णागिरी पर्वत परिक्रमा यात्रा ग्राम नारायणाधाम से मां पार्वती धाम तक एवं भोजन विश्राम के पश्चात पुन: बरखेड़ा, कुकलखेड़ा, बालोदा, शेरपुर फंटा से नारायणा मंदिर पहुंची यहीं पर्वत क्षेत्र है जहां भगवान श्री कृष्ण एवं सुदामा ने अपने शिक्षा काल के दौरान गुरू देव श्री संदीपनि महाराज कि आज्ञा से लकड़ियां लेने हेतु आए थे। इस कारण श्री कृष्ण सुदामा कि कर्म भूमि माना है पर्वत पर घूमकर जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया था। उस स्थान पर आज मंदिर हैं और मूली के पेड़ भी हैं श्री कृष्ण एवं सुदामा के चरणों की रज इस धरा पर लगभग सवा पांच कोस (16 किलोमीटर) की परिधि में विद्यमान हैं जिसका उल्लेख श्रीमद् भागवत में भी है।
अवंतिका पुराण के स्कन्द खंड में वर्णित हैं कि स्वर्णगिरी पर्वत वर्ष में एक बार कुछ क्षण के लिए स्वर्ण का हो जाता है यह भगवान् श्रीकृष्ण की कर्म भूमि होने से इस हेतु यहां का महत्त्व तिलभर अधिक है इस कारण स्वर्णगिरी पर्वत की परिक्रमा करने से श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है और अनन्य फलों की प्राप्ति होती है। इस पर्वत परिक्रमा का महत्व गिरिराज पर्वत परिक्रमा से ज्यादा है यह पर्वत मां पार्वती की तपस्थली भी रहा है जिनकी चरण पादुका मां पार्वती मंदिर बरखेड़ा में आज भी विराजमान है। इस पुण्य तपोभूमि के दर्शन मात्र से व्यक्ति का जीवन धन्य हो जाता है और परिक्रमा करने से अनन्य फलों की प्राप्ति होती है।
यह जानकारी देते हुए परिक्रमा यात्रा के सूत्रधार केसरसिंह पटेल ने कहा कि यह धर्म कार्य क्षेत्र महिदपुर के साथ ही प्रदेश एवं देश की खुशहाली और हर नागरिक की उन्नति को लेकर आयोजित की है और इसी को लेकर ग्राम नारायणा मंदिर पर श्रीकृष्ण सुदामा उत्सव समिति एवं नमामी देवी नर्मदे, मां क्षिप्रा नर्मदा लोक संस्कृति समिति द्वारा का भव्य आयोजन प्रतिवर्ष श्रावण मास में किया जावेगा। सर्वसम्मति से निर्णय लिया। इस परिक्रमा में श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर मां मंदाकिनी पुरीजी महाराज, श्री निलेशानन्द महाराज एवं संतों द्वारा लाए गए सप्तसागर एवं 21 पवित्र नदियों के जल से नारायणा धाम स्थित दामोदर कुंड में पूजन अर्पित किया तत्पश्चात कुंड से कलश में जल भरकर सभी श्रद्धालुजन मातृशक्ति यात्रा के मुख्य ध्वज पूजन के पश्चात यात्रा प्रारंभ हुईं।
यात्रा मंदिर से उत्तर दिशा की ओर प्रस्थान कर महूखेड़ा, तुलजापुर, वागला होते हुए मां पार्वती धाम पहुंची और दामोदर कुंड से लाए हुए जल से मां पार्वती के चरणों का जलाभिषेक किया। तत्पश्चात भोजन प्रसादी एवं विश्राम के पश्चात मंदिर स्थित गौरीकुंड से जल लेकर यात्रा आगे बरखेड़ा बुजुर्ग की ओर प्रस्थान करते हुए कोकलखेड़ा, बालोदा, शेरपुर फंटा होते हुए शाम तक नारायणा धाम पहुंची एवं दामोदर कुंड में विराजित श्रीकृष्णेश्वर महादेव का गौरीकुंड से लाए गए नीर से जलाभिषेक किया एवं आरती प्रसाद के पश्चात यात्रा पूर्ण हुई इस परिक्रमा यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शामिल होकर धर्म लाभ लिया। ग्रामीण जनों ने श्रद्धालुओं का जगह-जगह पुष्पवर्षा एवं फलाहार, चाय आदि वितरण कर स्वागत किया। यात्रा में मुख्य ध्वज यात्रा संयोजक एवं नमामी देवी नर्मदे के केसर सिंह पटेल के साथ ही संतों का भी साफा बांध कर एवं पुष्पमाला पहना कर स्वागत किया।
मुख्य रूप से श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर मां मंदाकिनी पुरीजी महाराज निरंजनी आखाड़ा, केशर सिंह पटेल, नीलेशानन्द महाराज, अशोक आंजना, प्रेम नारायण शर्मा, गोपीलाल आंजना, प्रताप सिंह आर्य, श्यामसिंह चौहान, सुधीर मूणत, हीरालाल आंजना, रामप्रसाद पंड्या, नंदकिशोर उपाध्याय, पूर्व जिलाधीश एवं भाजपा नेता जगदीश बोरासी, विजयसिंह गौतम, मोहन सिंह पंवार पार्वती धाम, एड्वोकेट भगवान सिंह पंवार, मोतीराम चौधरी, दौलत राम आंजना, पर्वत सिंह इंदौख, विजय सारडा, संजय आंजना, शंकर लाल सरपंच, अर्जुनसिंह वागला, मोहन शर्मा, केसर सिंह आंजना, संदीप बालोदा, धूलसिंह पटेल, अशोक आंजना, ईश्वर शर्मा, आसाराम आंजना, हुकुम सिंह आंजना, मांगीलाल, बालू सिंह आंजना शेरपुर, संदीप राणा बालोदा, जगदीश शर्मा, भगवान सिंह सरपंच, सेवाराम पटेल, ईश्वर सिंह, गणेश सिंह, भरत सिंह कोकल खेड़ा आदि उपस्थित रहे। यह जानकारी श्री कृष्ण सुदामा उत्सव समिति के ईश्वर शर्मा नारायणा ने दी।