इंदौर में 800 पुलिसकर्मी उतरे सड़क पर 300 से ज्यादा अपराधियों की धरपकड़

इंदौर ।  देर रात हुई कार्रवाई में पुलिस ने 300 से ज्यादा अपराधियों को पकड़ा। सबसे ज्यादा तो वारंटी और फरार बदमाश मिलें है। कईं जगहों से ड्रग पैडलर और चाकूबाजों को दबोचा गया है। हालांकि छापे की सूचना लीक हो जाने से शातिर अपराधी भूमिगत हो गए।
छापे के पहले पुलिस ने वारंट और फरारी की जानकारी एकत्र कर ली थी। आजादनगर एसीपी आशीष पटेल सबसे पहले ड्रग पैडलर पीहू को गिरफ्तार करवाया। पीहू ब्राउन शुगर की सप्लाई करता है। उसके साथ शराब तस्कर विनोद भी पकड़ा गया है।
भाजपा नेत्री को मारी थी ब्लैड
खजराना पुलिस ने कुख्यात बदमाश भीमसिंह उर्फ भीमा को गिरफ्तार किया। भीमा की दो महीने से तलाश थी। उसने भाजपा नेत्री सुनीता पर ब्लैड से हमला किया था। आरोपित का रासुका के तहत वारंट जारी हो चुका था।
पुलिस पर छोड़ दिया डाग, आरोपित छत से कूदकर भागा
विजयनगर पुलिस को एक बदमाश चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में स्कीम-78 पहुंची थी। आरोपित के स्वजन ने श्वान छोड़ दिया। पुलिसकर्मी खुद को बचाने में लग गए और आरोपित छत से कूद कर फरार हो गया। एडीसीपी जोन-2 अमरेंद्रसिंह के मुताबिक पुलिस ने 10 वारंटी और फरार आरोपितों को पकड़ा है। खजराना पुलिस ने साहिल उर्फ बच्चा को भी पकड़ा है।
क्राइम ब्रांच को भी निगरानी के लिए कहा
36 थानों और पुलिस लाइन के करीब 800 पुलिसकर्मियों को वारंटी और फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए रवाना किया गया। इंदौर पुलिस आयुक्त के मुताबिक पुलिस ने 2316 बदमाशों को चिह्नित किया है, जो चाकूबाजी में शामिल रहे हैं। क्राइम ब्रांच को भी निगरानी के लिए कहा गया है।
डीजीपी की नाराजगी के बाद इंदौर में सड़क पर उतरी पुलिस
पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना की नाराजगी के बाद शनिवार रात करीब 800 पुलिसकर्मी इंदौर की सड़कों पर उतार दिए गए। फरार आरोपितों के घर रातभर छापे मारे गए। चाकूबाज और सूचीबद्ध बदमाशों की तलाशी ली गई। राज्य स्तरीय सीमा समन्वय बैठक में शामिल होने आए डीजीपी सुधीर सक्सेना ने दोपहर में आयुक्त कार्यालय में बैठक ली। उन्होंने कनाड़िया, चंदननगर और खजराना थाना क्षेत्र में हुई चारों हत्याओं के बारे में पूछा।
डीजीपी ने कहा, पुलिस सड़क पर नजर आनी चाहिए
अफसरों से कहा कि पुलिस सड़क पर नजर आनी चाहिए। चाकूबाज और नशाखोरी कर अपराध करने वालों की धरपकड़ होनी चाहिए। देर रात डीजीपी की नाराजगी का असर दिखाई दिया। पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर ने चारों जोनों के पुलिस उपायुक्तों को बल लेकर कंट्रोल रूम (पलासिया) बुला लिया।