नागचंद्रेश्वर के 2 घंटे से कम समय  में दर्शन कराने का दावा फेल हुआ 

– चारों तरफ लाखों श्रद्धालुओं की भीड़, प्रशासन व पुलिस के अधिकारी भी चकरा गए

– सुबह के लाइन में लगे लोगों के शाम को नंबर आए, टिकट की लाइन तो चालू ही नहीं हुई 

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

नागपंचमी पर्व पर सोमवार को महाकाल मंदिर में स्थित श्री नागचंद्रेश्वर महादेव के 2 घंटे से कम समय के अदर आम दर्शन कराने का प्रशासन का दवा पूरी तरह से फेल हो गया। सुबह से रात तक मंदिर के चारो ओर श्रद्धालुओं की भीड़ ही भीड़ नजर आ रही थी। प्रशासन व पुलिस के अधिकारी भी इतनी भीड़ देखकर चकरा गए। 

लोग सुबह से दर्शन की लाइन में लगे तो कई के शाम को नंबर आया। इतना लंबा घूमकर लोग पैदल चल-चलकर थक अलग गए। कर्कराज पार्किंग के बाद से ही लोग पैदल हो गए। भील धर्मशाला, चारधाम बेरिकेट्स, हरसिद्धि, रुद्रसागर, बड़ा गणेश से होकर लोग विश्रामधाम पहुंचे और वापस यहीं से बाहर निकले। इसमें सुबह से शाम हो गई। लाइन में लगे लोगों ने बताया कि रात में वे 10 बजे से लगे थे आधी रात के बाद तो उनका नंबर आया और सुबह होते होते वे बाहर निकले। इसी प्रकार दोपहर में जो लोग लाइन में आए उनको रात ही हो गई। बीच में पीने को पानी नहीं मिला तो बारिश में कीचड़ होने से कारपेट अलग गीला हो गया था। लोगों से पैदल नंगे पैर चलने की नहीं बनी। प्रवेश गेटों की हालत यह थी कि जिसे देखो लाइन तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश कर रहा था। 

अधिकारी व कर्मचारी अपनो वालों 

को बिना लाइन से दर्शन कराते दिखे 

नागचंद्रेश्वर की दर्शन की लाइन में मंदिर के अंदर व बाहर कई जगह ऐसे नजारे दिखे जब प्रशासन व पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी खुद ही अपने परिचितों, रिश्तेदारों आदि को लाइन के बीच से प्रवेश कराते, दर्शन कराते नजर आए। पत्रकारों ने उनसे जब सवाल किया तो जवाब में उन्होंने कहा आपके कोई हो तो उन्हें भी ले आइए। अंदर कर देंगे। ऐसे में घंटों लाइन में लगे लोग इसका विरोध तो करते दिखे पर असर कुछ नहीं हुआ। 

पत्रकारों के पालकी गेट पर कोई 

अधिकारी नहीं, गार्ड रोकते रहे

प्रशासन ने पत्रकारों व उनके परिवार को सुलभ दर्शन कराने का दावा पत्रकारवार्ता में किया था। खुद कलेक्टर व एसपी ने कहा था कि कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। जब निर्धारित पालकी द्वार पर पत्रकार निर्धारित समय दोपहर 12 बजे से पहुंचने लगे तो पता चला वहां कोई अधिकारी तैनात नहीं है। जनसंपर्क वाले खड़े थे पर उनकी कोई सुन नहीं रहा था। सुरक्षा गार्ड ही पत्रकारों को रोकते नजर आए। उनका कहना था कि यहां से प्रेस के अंदर जाने के लिए उनके पास कोई आदेश नहीं है। 

–