जमीन का फर्जी विक्रय अनुबंध करने वाले आरोपी को 10 वर्ष की कठोर सजा

इंदौर। फर्जी विक्रय अनुबंध करने वाले आरोपित को सत्र न्यायालय इंदौर ने 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपित ने फरियादी के साथ दूसरे की जमीन का विक्रय अनुबंध किया और 14 लाख रुपये बयाना ले लिया। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी और नकली दस्तावेज बनाने और उसका इस्तेमाल करने के मामले में प्रकरण दर्ज किया था। आरोपित का नाम नितिन सिंह निवासी हातोद है। छत्रीपुरा निवासी संगीता चौधरी ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई थी कि सितंबर वर्ष 2013 में आरोपित उसके पास आया और कहा कि ग्राम सुमठा, देपालपुर में राधेश्याम और भीम सिंह की जमीन है। दोनों ने उसे जमीन बेचने के लिए अधिकृत किया है। 26 सितंबर 2013 को आरोपित ने 100 रुपये के स्टांप पर विक्रय अनुबंध तैयार कर फरियादी से बयाने के रूप में 14 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद वह गायब हो गया।
फरियादी ने पूछताछ की तो फर्जी अनुबंध की बात स्वीकारी : बाद में पता चला कि जमीन मालिक ने आरोपित को अधिकृत नहीं किया था। फरियादी ने आरोपित से पूछताछ की तो उसने स्वीकारा कि उसे किसी ने जमीन बेचने के लिए अधिकृत नहीं किया है। रुपये की आवश्यकता होने की वजह से उसने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और इसी के आधार पर विक्रय अनुबंध लिखकर दे दिया था। फरियादी से ली रकम वह धीरे-धीरे लौटा देगा।
इन धाराओं में सुनवाई सजा : पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 भादंसं के तहत प्रकरण दर्ज किया। सत्र न्यायालय ने प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए आरोपित नितिन सिंह को 10 वर्ष कठोर कारावास से दंडित किया।