इंदौर नगर निगम द्वारा साढ़े तीन गुना ज्यादा वसूलने के बावजूद नहीं मिल रही सुविधाएं

इंदौर ।   इंदौर नगर निगम के खिलाफ हाई कोर्ट में प्रस्तुत जनहित याचिका में सोमवार को सुनवाई होना है। याचिका सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने दायर की है। याचिका में कहा है कि केंद्र शासन ने आठ सुविधाओं के लिए अधिकतम खर्च की सीमा तय की है। कोई भी नगर निगम इस सीमा से अधिक रकम नागरिकों से वसूल नहीं कर सकता, लेकिन इंदौर नगर निगम इन आठ सुविधाओं के नाम पर नागरिकों से लगभग साढ़े तीन गुना रकम वसूल रहा है। इसके बावजूद ये सुविधाएं पर्याप्त तरीके से नागरिकों को नहीं मिल पा रही हैं।
ये आठ सुविधाएं : इन आठ सुविधाओं में सड़क, पानी, स्ट्रीट लाइट, सफाई, यातायात प्रबंधन, स्टार्म वाटर लाइन, लोक परिवहन शामिल हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि शहर में सड़कें बदहाल हैं। निगम को दोनों समय पानी उपलब्ध कराना है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। सफाई व्यवस्था बदहाल है। इंदौर शहर में यातायात का कचूमर निकल रहा है।
थोड़ी सी बारिश में सड़कों पर भर जाता है पानी : स्टार्म वाटर लाइन की हालत इतनी खराब है कि थोड़ी सी वर्षा होते ही शहर की सड़कें तालाब का रूप ले लेती हैं। कोडवानी ने यह भी कहा कि केंद्र ने उपरोक्त आठ सुविधाओं के लिए अधिकतम 1806 रुपये तय किए हैं, जबकि इंदौर नगर निगम इन सुविधाओं पर 6299 खर्च कर रहा है और आमजन से इसके बदले में 6513 वसूल रहा है।
हुकमचंद मिल मामले में सुनवाई आज
32 वर्ष से न्याय का इंतजार कर रहे हुकमचंद मिल के मजदूरों के मामले में हाई कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगी। मजदूरों को उम्मीद है कि रक्षाबंधन से पहले शासन उन्हें राहत दे सकता है। नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड संयुक्त रूप से मिल की जमीन पर व्यवसायिक और आवासीय प्रोजेक्ट लाने को तैयार हैं लेकिन मिल के मजदूर अपनी बकाया रकम पर ब्याज की मांग कर रहे हैं। इसी मुद्दे पर कल सुनवाई होना है।