तराना : सात दिन से चल रही भागवत कथा का समापन
तराना । क्षत्रिय राठौर समाज धर्मशाला में 13 अगस्त से संगीतमय सप्त दिवसीय भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। चित्रकूट से पधारे भारत प्रख्यात राष्ट्रीय कथा व्यास रामचरण पांडे ने प्रथम दिवस बताया कि मानव जीवन में संस्कारों की बहुत आवश्यकता होती है और यह कार्य सबसे अच्छे ढंग से कोई कर सकता है तो वह मां होती है श्रवण कुमार की तरह एक भी संस्कारी पुत्र होगा तो निश्चित रूप से जीते जी स्वर्ग का दर्शन करा सकता है। द्वितीय दिवस बताया कि समाज संस्कृति और राष्ट्र के विकास के लिए हमें हमेशा बुराइयों से दूर रहते हुए सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए, शक्ति ही धर्म है धर्म सत्य है कहा कि धर्म न दूसरा सत्य समाना। तृतीय दिवस बताया कि अनेक साधन होने पर भी सत्संग के सिवा आत्मकल्याण का कोई पथ नहीं है।
विवाह उत्सव के दौरान भजनों की प्रस्तुति एवं गरबा रास से सारा माहौल कृष्णमय हो गया सप्तम दिवस की कथा में सुदामा चरित्र पर अपना उद्बोधन देते हुए कथा को विराम दिया ’समापन दिवस की कथा के उपरांत महिला मंडल,बलराम चौहान एवं नगर अध्यक्ष सुनीता रूपेश परमार द्वारा व्यास पीठ पर विराजित भागवत का पूजन एवं कथा व्यास श्री रामचरन पांडे का स्वागत किया गया ’ मदनलाल बाहेती,अमृतलाल पंजाबी, धर्मेंद्र रंजन सर वेस्टीज वाले,कैलाश कारपेंटर,पत्रकार किशन जोशी सुभाष जोशी,महेश रावल,गिरधारीलाल सोलंकी,मुकेश चौहान,ललित चौहान,दुगार्शंकर राठौड़,पवन सोलंकी,राधाकिशन बोडाना,गिरधारीलाल बोडाना,छगन परमार,प्रेम काका,राजाराम बोडाना,दुगार्शंकर सोलंकी,महेश चौहान,नरेंद्र सोलंकी एवं श्यामाबाई राठौर,लीलाबाई राठौर एवं समस्त महिला मंडल का विशेष योगदान रहा ’समापन कार्यक्रम का संचालन ओमप्रकाश बोडाना द्वारा किया गया ’ तथा आभार बलराम चौहान द्वारा माना गया ’