महाकाल में ऐसी अव्यवस्था की सीएम शिवराज के खिलाफ ही नारे लगे

 

– विधायक जैन को तो धरने तक पर बैठना पड़ा, प्रशासन की किरकिरी हो रही 

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दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

नागपंचमी पर्व पर महाकाल मंदिर में भारी अव्यवस्था रही। लोग प्रशासन से इस कदर नाराज थे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ तक नारे लगा दिए। वहीं विधायक पारस जैन तक को धरने पर बैठना पड़ गया। प्रशासन की इससे खूब किरकिरी हो रही है। 

यह बात अलग है कि नागपंचमी पर्व के दौरान करीब 5 लाख श्रद्धालु महाकाल मंदिर व 3 लाख के आसपास लोगों ने नागचंद्रेश्वर महादेव के  इस तरह कुल 8 लाख लोगों ने  रिकॉर्डतोड़ दर्शन कर लिए हो लेकिन इतनी भीड़ को नियंत्रण करने में प्रशासन पूरी तरह से फैल नजर आया। आम लोग धक्के खाते रहे। घंटों लाइन में खड़े रहे। कहीं कोई सुविधा नहीं थी। इतनी भीड़ होगी इसका अंदाजा प्रशासन को पहले से था, इसके बावजूद की पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं की गई इसलिए सारे इंतजाम फेल नजर आए। हजारों भक्तों को 3 से 4 किमी दूर तक पैदल चलना पड़ा तो दर्शन की लाइन में कई बार विवाद की स्थिति भी बनी। हालत ये हो गई कि लाइन में लगे भक्त नाराज होकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मुर्दाबाद के नारे तक लगाने लगे। वहीं अव्यवस्था से नाराज विधायक पारस जैन मंदिर में धरने पर बैठ गए। दरअसल यह भीड़ श्रावण के सातवें सोमवार को नागपंचमी व सवारी पर्व एक ही दिन आने से हुई। 

पर्व पर ये बड़ी कमियां सामने आई  

प्रशासन के अफसर समझ नहीं पाए 

– बाहर से अधिकारियों ने व्यवस्था के लिए भारी पुलिस बल को तो बुलवा लिया पर यह नहीं समझाया गया कि नागचंद्रेश्वर और महाकाल मंदिर के प्रवेश गेट कहां बने है। इससे लोग इधर-उधर ही मार्ग पर भटकते रहे।  

– सूचना बोर्ड तो लगाए पर उन पर सिर्फ नागचंद्रेश्वर मंदिर का लिखा गया। लेकिन किसे कहां से जाना है इसका कोई उल्लेख नहीं था।  

– हरसिद्धि मंदिर से कर्कराज मंदिर तक जाने वाले रास्ते पर नागचंद्रेश्वर के दर्शन हेतु ही भक्त जा रहे थे। जबकि यह रास्ता महाकाल जाने वाले श्रद्धालु के लिए भी था पर उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी। 

– शीघ्र दर्शन के पास रात को ही बाँट दिए गए थे। सुबह तक लोग भटकते रहे। ख़ास बात ये रही कि मंदिर समिति के कर्मचारियों को भी इसकी जानकारी नहीं थी की पास धारक की इंट्री कहाँ से होगी।

– वीआईपी पास भी बाँट दिए गए थे लेकिन कहाँ से इंट्री होगी पुलिस वालों को ही नहीं बताया गया। जिससे विवाद की स्थिति निर्मित हुई।

– कई भक्त रात 12 बजे अपने चार पहिया वाहन से बड़नगर रोड पर बनी पार्किंग पर खड़े कर पैदल मंदिर पहुंचे क्योंकि, वहां मुफ्त चलने वाली बस नहीं थी।

– कई पुलिस कर्मियों ने ड्यूटी के दौरान आम श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यहार किया।

– पत्रकारों के प्रवेश के लिए बनाए गए पालकी गेट पर कोई अधिकारी नहीं था। जनसंपर्क वाले जरूर मौजूद थे। लेकिन उनकी भी पुलिस वालों ने नहीं सुनी। पत्रकार खुद सुरक्षा गाड्रों से लड़-झगड़ कर अंदर गए।  

विधायक धरने पर बैठे तो एएसपी 

मनाने पहुंचे, आश्वासन के बाद उठे 

विधायक पारस जैन भी नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने महाकाल मंदिर पहुंचे थे। लेकिन जब उन्हें प्रशासन की भारी अव्यवस्था के बारे में पता चला और श्रद्धालुओं ने खुद जाकर जब उनसे शिकायत की तो वे नाराज ही हुए थे। लेकिन जब किसी ने बताया कि पास धारकों को भी दर्शन नहीं करने दिया जा रहा है तो वे और नाराज हो गए और धरने पर बैठ गए। इसकी जानकारी लगने पर एएसपी मौके पर पहुंचे और उन्हें जैसे-तैसे मनाया व व्यवस्था बनाने का आश्वासन दिया तब जाकर वे उठे। इस अव्यवस्था पर विधायक जैन ने कलेक्टर पर भी नाराजगी जताई और कहा कि प्रशासन ने ठीक से इंतजाम नहीं किए है इस कारण आम जनता परेशान हो रही है। सोशल मीडिया पर वीडियो से 

पता चला कि नारेबाजी हो गई

मंदिर की इस अव्यवस्था का लोगों ने जब सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया तो पता चला कि मंदिर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और जिला प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगे है। एक वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी महिला श्रद्धालु से भीड़ते भी दिख रहे है। महिला श्रद्धालु रोते नजर आ रही है। कुछ श्रद्धालु सुरक्षा व पुलिस कर्मियों से जद्दोजहद करते नजर आ रहे। ऐसे कई तरह के वीडियो लोगों ने सोशल मीडिया पर जारी किए है। इससे प्रशासन व पुलिस की अव्यवस्था साफ नजर आ रही है। 

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