उज्जैन से अलग हो प्रस्तावित नागदा जिले के विरोध में तीन तहसीलों ने दर्ज कराई आपत्ति
भोपाल पहुंचकर जताया विरोध
उज्जैन। खाचरौद, आलोट, ताल तहसील को मिलाकर उज्जैन जिले से अलग मध्यप्रदेश का 54वां जिला नागदा बनाए जाने के कयास के बीच प्रस्तावित नागदा जिले के विरोध में तीन तहसील का प्रतिनिधिमंडल भोपाल पहुंचा। खाचरौद-आलोट और ताल तहसील के जनप्रतिनिधि और प्रबुद्ध नागरिकों ने दावे-आपत्ति प्रक्रिया के अन्तर्गत आपत्ति दर्ज करवाई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 जुलाई को नागदा जनदर्शन कार्यक्रम में उज्जैन जिले की तहसील नागदा को जिला बनाने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने घोषणा के साथ यह भी कहा था कि जो तहसील स्वेच्छा से शामिल होगी उसे ही नए जिले में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद रतलाम जिले की आलोट-ताल तहसील की जनता ने नागदा जिले में शामिल नहीं होने को लेकर नगर बंद और धरना-प्रदर्शन किया। इसी तरह उज्जैन जिले की खाचरौद तहसील में जनता ने नागदा जिले में रहने से इंकार कर दिया। यहां भी नगर बंद किया गया। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। बावजूद मध्यप्रदेश शासन ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दावे आपत्ति आमंत्रित की। अब रतलाम जिले की दो तहसील ताल-आलोट और उज्जैन जिले की खाचरौद तहसील ने संयुक्त रूप से वल्लभ भवन पहुंचकर भोपाल में आपत्ति दर्ज करवाई। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि जनता को मुख्यमंत्री से उम्मीद हैं कि वे तीन तहसीलों को नागदा जिले से मुक्त रखेंगे, अन्यथा इसके परिणाम विधानसभा चुनाव में भुगतने के लिए भाजपा तैयार रहे।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते नागदा सीट को बचाने के लिए जिस तरह से मुख्यमंत्री से नागदा को जिला बनवाने का रास्ता साफ करवाया गया है कहीं ऐसा न हो एक सीट को बचाने में भाजपा चार सीट का नुकसान कर बैठे। जावरा जिला बनना चाहता है। उसकी सहयोगी तहसील ताल-आलोट है, लेकिन जनता की मांग को दरकिनार करते हुए ताल-आलोट को नागदा जिले में शामिल किया जाता है तो जावरा जिले की मांग से 25 वर्ष पीछे चला जाएगा। यहां की जनता भी नागदा को जिला बनाने के बाद से ही नाराज हैं। यदि नागदा जिला बना तो निश्चित ही जावरा से भी भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
प्रतिनिधिमंडल में अमित सेठी, अनिल छाजेड़, अनोखीलाल भंडारी, लक्ष्मीनारायण संगीतला, जितेन्द्र जैन, योगेश बैरागी, मनीष शर्मा, ऋतुराज बुडावनवाला, गौरव शर्मा एवं अखिलेश सोलंकी आदि उपस्थित थे।प्रतिनिधिमंडल ने वल्लभ भवन के बाहर नारेबाजी कर विरोध भी दर्ज़ कराया।