वही आगे बढ़ता है जिसने दुख और दर्द सहे- मिश्रा

खिलचीपुर ।  राजगढ़ ब्यावरा के मध्य स्थित कथा पंडाल में लाखों लोगों की उपस्थिति में कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि एक दिन सबको ऊपर जाना है पता नहीं भगवान कब किसे बुला ले उनके बाद बहुत से लोग आपकी मृत्यु रोने आते हैं आंसू बहाते हैं परिवार वाले कुटुंबा या आपके दोस्त साथी यह सभी आंसू बहाते हैं । पहले दिन आपके मरने के बाद घर वाले मित्र रिश्तेदार आदि आंसू बहाएंगे किंतु तीसरे ही दिन जब चिट्ठी लिखी जाएगी तो रिश्तेदारों के नाम ढूंढ ढूंढ कर लिखे जाएंगे। वहीं व्यक्ति आगे बढ़ता है जिसने दुख-दर्द सहे हैं।
और 13 दिन बाद जिन लोगों ने आपके लिए आंसू आए वही गरम पूरी की मांग करेंगे कोई रायताकोई नुक्ति और कोई सेवकी फरमाइश करेंगे यह आज की नियति है।
एक बार नरसिंहगढ़ रियासत के राजाओं का यहां पर आगमन हुआ उन्होंने भोलेनाथ के दर्शन लाभ किया उन्होंने इस प्रतिमा की खुदाई करवा कर इसको नरसिंहगढ़ ले जाने का प्रयास किया किंतु जितनी खुदाई यहां पर की गई उतना ही बड़ा शिवलिंग निकलता गया इसके बाद उन्होंने वहीं पर भगवान भोलेनाथ का मंदिर निर्माण करवाया जो कि आज भी पुराना मंदिर ही निर्मित है जिस पर भगवान भोलेनाथ विराजित हैं सावन महीने में भगवान भोलेनाथ का विशेष हर दिन श्रंगार किया जाता है सोमवार को भी भोलेनाथ का सिंगार विशेष रूप से किया जाता है यहां पर मलावर एवं आसपास के गांवों के श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं यहां पर रात्रि में समिति एवं भक्तों द्वारा सुंदरकांड का आयोजन भी किया जाता है।

Author: Dainik Awantika