भारत की ऐतिहासिक सफलता: चंद्रयान-3 की कामयाब लैंडिंग, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारकर इतिहास रचा
बेंगलुरु. चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने सफलतापूर्वक चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग करके एक नया इतिहास रच दिया है.चांद के इस हिस्से में यान उतारने वाला भारत पहला देश बन गया है, जबकि चांद के किसी भी हिस्से में यान उतारने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन को ही यह कामयाबी मिली है.
अब सभी को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का इंतजार है. धूल का गुबार शांत होने के बाद यह बाहर आएगा. विक्रम और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे.
चंद्रयान-3 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हुआ था. इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन का समय लगा. धरती से चांद की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है.
लैंडिंग के बाद अब क्या होगा?
डस्ट सेटल होने के बाद विक्रम चालू होगा और कम्युनिकेट करेगा.
फिर रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर रैंप से चांद की सतह पर आएगा.
पहिए चांद की मिट्टी पर अशोक स्तंभ और इसरो के लोगो की छाप छोड़ेंगे.
विक्रम लैंडर प्रज्ञान की फोटो खींचेगा और प्रज्ञान विक्रम की. ये फोटो वे पृथ्वी पर भेजेंगे.