चार वर्ष बाद भी तय नहीं हुई युवक की मौत की जिम्मेदारी

इंदौर ।  निगम ने नहीं तो आखिर किसने खोदवाया था मनोरमागंज क्षेत्र में गहरा गड्ढा
सड़क पर बने गड्डे में गिरने से हुई युवक की मौत की जिम्मेदारी चार वर्ष बाद भी तय नहीं हो सकी। इसे लेकर हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिका में नगर निगम कह रहा है कि सड़क पर खोदा गड्ढा हमने नहीं खोदवाया था। इधर प्रशासन कह रहा है कि जिस क्षेत्र में गड्ढा खोदा गया था वह नगर निगम के क्षेत्राधिकार में है। पिछली सुनवाई पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट से रिजाइंडर देने की अनुमति ली थी। याचिका में बुधवार को होने वाली सुनवाई में वे रिजाइंडर प्रस्तुत कर सकते हैं।
दवाई लेने घर से निकला था युवक
दो अप्रैल 2019 की रात मनोरमागंज क्षेत्र में सड़क पर खोदे गए गहरे गढ्ढे में गिरने से एक युवक की मौत हो गई थी। ये युवक अपने घर से मोटर साइकिल पर दवाई लेने निकला था। गढ्ढे के आसपास सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। न इस तरह के कोई संकेतक लगाए गए थे जिससे पता चल सके कि आगे कोई गड्ढा है। युवक की मौत की जिम्मेदारी तय करने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता सूरज उपाध्याय ने एडवोकेट मोहनसिंह चंदेल के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है।
इसमें मांग की गई है कि जिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते युवक की मौत हुई है उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए जाएं और मृतक युवक के स्वजन को मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपये दिलवाए जाएं। एडवोकेट चंदेल के अनुसार याचिका में प्रस्तुत नगर निगम के जवाब में कहा है कि गड्ढा निगम ने नहीं खोदवाया था। ऐसे में सवाल यह भी है कि निगम के पास जोनवार कर्मचारियों-अधिकारियों का अच्छा खासा अमला है ऐसे में बगैर नगर निगम की जानकारी के सड़क पर गड्ढा किसने खोदा था।

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