सत्संग, संकीर्तन, समर्पण और सेवा का अद्भुत संगम है स्नेह यात्रा यात्रा में हो रही सभी समाजों की सहभागिता

उज्जैन । प्रदेश के सभी जिलों में स्‍नेह यात्रा ने पिछले आठ दिनों में सेवा, संकल्‍प और संतों के प्रति सेवा भाव का अनुपम उदाहरण प्रस्‍तुत किया है। प्रदेश के हजारों गांवों की सेवा बस्तियों में स्‍नेह यात्रा का ऐतिहासिक स्‍वागत हुआ है। स्‍नेह यात्रा के स्‍वागत की इस पुनीत बेला में गांवों की सेवा बस्तियों में समाज के सभी वर्गों ने अपनी सहभागिता दी है। संतों के स्‍वागत और सत्‍संग में बढ़चढ़ कर भाग लिया गया है। स्‍नेह यात्रा सत्संग, संकीर्तन, सेवा, समर्पण और संकल्प का अद्भुत संगम प्रस्‍तुत कर रही है।

प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर है जब यात्रा के माध्‍यम से देशभर से यात्रा का नेतृत्‍व कर रहे पूज्‍य संत वंचित समाज के लोगों की चौखट पर दस्‍तक दे रहे हैं। संतों का सानिध्‍य पाकर लोग अपने आपको सौभाग्‍यशाली मान रहे हैं।

दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही यात्रा की लोकप्रियता

स्‍नेह यात्रा ने इन आठ दिनों में अपनी लोकप्रियता और भव्‍यता को चरम पर पहुंचा दिया है। लोगों की सक्रिय सहभागिता ने यात्रा को सार्थकता प्रदान की है। यात्रा की दिन-प्रतिदिन बढ़ती लोकप्रियता से पूज्‍य संतजनों में भी उत्‍साह और उमंग का भाव प्रकट हो रहा है। साथ ही लोग भी संतजनों के स्‍नेह और आत्‍मीयता को आत्‍मसात करते हुए सत्‍संगों और संकीर्तन में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं। साथ ही सहभोज में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।

70 से अधिक संतों को मिला सानिध्‍य

स्‍नेह यात्रा में पिछले आठ दिनों में 70 से अधिक संतों का सानिध्‍य प्राप्‍त हो चुका है। इसके अलावा 500 से अधिक स्‍थानीय संत भी यात्रा में सम्मिलित हो चुके हैं। पूज्‍य संतों के जन-संवादों से जन-जन का जुड़ाव बढ़ता जा रहा है। गाँवों के सभी वर्ग के पुरूष, महिलाएँ और युवा इन संवादों का श्रवण करने के लिए संवाद स्‍थल पर पहुँच रहे हैं। संतों के संवाद कार्यक्रम और सेवा बस्तियों में भ्रमण यात्रा का आकर्षण का केन्‍द्र हैं। जिसमें अब तक 7 लाख लोगों से अधिक प्रयत्‍क्ष सहभागिता हो चुकी है।

जन-जन से जुड़ाव, गाँव-गाँव में प्रवास

स्‍नेह यात्रा का प्रमुख आधार गाँव हैं। गाँव की सेवा बस्तियों में संतों का आगमन निरंतर हो रहा है। आगे-आगे संत चल रहे हैं और उनके पीछे गाँववासी जयकारों के साथ चल रहे हैं। मार्गों में संतजन लोगों को रक्षा सूत्र बांधकर स्‍नेहता का संदेश दे रहे हैं और समाज में व्‍याप्‍त भेदभाव को मिटाने का संकल्‍प दिलवा रहे हैं। यात्रा मार्गों में संतजनों का फूलमालाओं से स्‍वागत हो रहा है। यात्रा में अब तक 3 हजार 980 से अधिक बस्तियाँ और ग्राम शामिल हो चुके हैं।

सार्थकता की ओर स्‍नेह यात्रा

प्रदेश में स्‍नेह यात्रा एक उददेश्‍य और एक भाव को लेकर संचा‍लित की जा रही है। अभी तक यात्रा से मिले फीडबैक को देखते हुए कहा जा सकता है कि यात्रा अपने उददेश्‍य और भाव में सार्थकता प्रदान कर रही है। लोगों की सहभागिता और संतजनों का सानिध्‍य यात्रा को सफल बनाने में एक महत्‍वपूर्ण पहलू है। निरंतर यात्रा में हो रही भागीदारी दर्शाती है कि शासन ने जो प्रयास किये हैं वह सफल साबित होंगे।

योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग और संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वाधान में 16 अगस्त से 26 अगस्त तक निकाली जा रही स्नेह यात्रा का संयोजन म.प्र. जन‍ अभियान परिषद के माध्‍यम से किया जा रहा है। यात्रा में सहभागी संगठन अखिल विश्‍व गायत्री परिवार, रामचंद्र मिशन, योग आयोग संस्‍थान, पतं‍जलि योग पीठ एवं आचार्य शंकर सांस्‍कृतिक एकता न्‍यास हैं। इसके अतिरिक्‍त स्‍थानीय स्‍तर पर कार्यरत धार्मिक सांस्‍कृतिक संगठन भी यात्रा में बढ़चढ़ कर यात्रा में सहभागिता कर रहे हैं।

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