सामाजिक समरसता के भाव को पोषित करेंगी स्नेह यात्राएँ
उज्जैन । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्नेह यात्रा को अद्भुत आनंद की यात्रा बताया है। उन्होंने कहा कि यात्रा बता रही है कि संतों की ताकत क्या है। संतों के पुण्य सान्निध्य तथा आशीर्वाद से मध्य प्रदेश की भूमि धन्य हो रही है। इस यात्रा से संतों ने समाज को एकजुट करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। समरसता, समन्वय और सहभागिता पर केंद्रित महाभियान पुन: चलाया जायेगा। समाज को जोड़ने वाली यह यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्नेह यात्रा के अनुभवों पर आधारित एक पुस्तक तथा डॉक्युमेंट्री भी तैयार की जाएगी, जो लंबे समय तक सामाजिक समरसता के भाव को पोषित करेगी। मुख्यमंत्री चौहान प्रदेश के 53 जिलों में निकल रही स्नेह यात्रा में शामिल पूज्य साधु-संतों से वीडियो कान्फ्रेसिंग द्वारा गत दिवस निवास कार्यालय से चर्चा कर रहे थे।
भारत की ज्ञान परंपरा और देशज सामग्री के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है
उल्लेखनीय है कि साधु-संतों के प्रेरक मार्गदर्शन में सकारात्मक और सार्थक वातावरण के निर्माण, सामाजिक समरसता, सामाजिक जीवन में एकात्म भाव के प्रतिपादन तथा समाज को विखंडित करने वाली शक्तियों के विरुद्ध ऊँच-नीच से परे एकीकरण के उद्देश्य से स्नेह यात्राएँ निकाली जा रही हैं। प्रदेश के 53 जिलों में 16 से 26 अगस्त तक निकाली जा रही इन यात्राओं में देश के 72 पूज्य संत शामिल हो रहे हैं। संत- समाज, शासन, संस्थान, समन्वय, समरसता और सहभागिता इन यात्राओं के मूल घटक हैं। स्नेह यात्राओं से समाज को भारत की ज्ञान परंपरा के नेतृत्वकर्ता संतों का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। जनसहभागिता से संचालित इन यात्राओं में 25 से अधिक सामाजिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संगठनों की सक्रियता से समाज में देशज सामग्री के उपयोग को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
यात्रा में सक्रिय हैं सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन
स्नेह यात्रा में प्रदेश के 53 जिलों के 207 विकासखंडों की 3980 बस्तियों और ग्रामों में अब तक 3618 संवाद कार्यक्रम हुए हैं यात्रा ने 3640 कि.मी. लम्बी दूरी तय की है। यात्रा में संत नशा-मुक्ति और पौध-रोपण जैसे सामाजिक सरोकार के कार्यों के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।