एमवाय अस्पताल को मिलेगी प्रदेश की पहली स्वदेशी ब्लड इरेडिएटर मशीन

इंदौर । एमवाय अस्पताल को बड़ी उपलब्धि हासिल होने जा रही है। यहां प्रदेश की पहली स्वदेशी ब्लड इरेडिएटर मशीन आने वाली है। इसे भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर मुंबई द्वारा तैयार किया जा रहा है। यह मशीन ब्लड में पाए जाने वाले जानलेवा ग्राफ्ट वर्सेज होस्ट डिसीज को नष्ट करेगी, ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार के रिएक्शन का खतरा न रहे। बोन मैरो, कैंसर, थैलेसीमिया के मरीजों को जब ब्लड की आवश्यकता होती है तो पहले ब्लड से ग्राफ्ट वर्सेज होस्ट डिसीज को नष्ट करना होता है।
वर्तमान में कैंसर अस्पताल में मौजूद वर्षों पुरानी कोबाल्ट मशीन से इसे नष्ट किया जाता है, लेकिन यहां बड़ी संख्या में कैंसर मरीज थैरेपी के लिए आते हैं, इसलिए इस प्रक्रिया के तहत मरीजों के स्वजन को घंटों इंतजार करना पड़ता है। इस मशीन के आ जाने से अब घंटों का काम मिनटों में होने लगेगा।
अधिकारियों ने बताया कि मशीन के लिए भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर मुंबई में आवेदन किया था। वहां से ब्लड बैंक को ब्लड इरेडिएटर चैंबर के लिए लेआउट अप्रूवल भी मिल गया है। जल्द ही मशीन हमें मिलने वाली है। यह ब्लड इरेडिएटर मशीन का बीआई-2000 माडल है। इसकी कीमत 45 लाख रुपये हैं। मशीन को रेडियोग्राफी विभाग के रेडियोलाजिस्ट आपरेट करेंगे।
रेडियोलाजिस्ट डा. ओपी गुर्जर ने बताया कि कैंसर और बोन मेरो के मरीजों को ब्लड चढ़ाने के दौरान रिएक्शन का खतरा रहता है। इस मशीन से ग्राफ्ट वर्सेज होस्ट डिसीज यानी ब्लड में मौजूद नकारात्मक कणिकाओं को नष्ट होगी। इससे संक्रमण का खतरा दूर हो जाएगा।
संभागभर के मरीजों को होगा फायदा
बता दें कि एमवाय अस्पताल में संभागभर के मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां कैंसर, बोन मैरो, थैलेसीमिया के मरीजों को ब्लड इरेडिएटर मशीन की सुविधा मिलने लगेगी। कैंसर अस्पताल में प्रतिदिन कई मरीजों को ब्लड की आवश्यकता होती है। ऐसे में अब उन्हें ब्लड मिलने के बाद ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि ब्लड से ग्राफ्ट वर्सेज होस्ट डिसीज नष्ट होने से ब्लड भी जल्दी चढ़ने लगेगा। इसके साथ ही एमजीएम कालेज के सुपर स्पेशिएलिटी, एमटीएच, चाचा नेहरू अस्पताल, मनोरमा टीबी अस्पताल में मरीजों की ब्लड की जरूरत को एमवाय ब्लड बैंक पूरी करता है। ऐसे में इस मशीन के आ जाने से यहां भर्ती मरीजों को भी फायदा होगा।

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