सात दिनों में 800 किमी का सफर तय कर 30 अगस्त तक आएंगे मेट्रो ट्रेन के कोच

इंदौर।  वड़ोदरा के सावली से इंदौर मेट्रो के लिए कोच रवाना हो चुके हैं। इनके 30 अगस्त तक इंदौर पहुंचने की संभावना है। कोच आने के बाद इनकी अनलोडिंग में 10 दिन का समय लगेगा। कोच को मेट्रो के डिपो में बने स्टेब्लिंग यार्ड में ले जाकर टेस्टिंग ट्रैक पर जांच की जाएगी। उसके पश्चात कोच मेट्रो के वायडक्ट पर पहुंचेगे। इस तरह 15 सितंबर तक मेट्रो कोच का ट्रायल रन होने की संभावना जताई जा रही है।
वड़ोदरा में मेट्रो ट्रेन का कोच को रवाना करने पहले उसका विधिवत पूजन किया गया और उसके बाद एक दिन पैकिंग में बीता। इसके पश्चात दो कोच को मंगलवार रात को इंदौर रवाना किए गए। एक मेट्रो कोच को बुधवार को रवाना किया गया। 60-60 टन वजनी तीन कोचों को अलग-अलग कंटेनर द्वारा सड़क मार्ग से भेजा रहा है।
वड़ोदरा से झाबुआ होकर इंदौर आने वाला मार्ग पर काफी घुमावदार मोड़ होने के कारण इस रूट के बजाय वड़ोदरा से उदयपुर होते हुए सड़क मार्ग से 800 किलोमीटर की दूरी तय कर कोच इंदौर आ रहा है। यहां आने के बाद गांधीनगर डिपो में आधुनिक तकनीक की 4 पाइंट जेक मशीन से ट्रेन को अनलोड किया जाएगा।
मेट्रो कोच का आकार
चौड़ाई: 2.9 मीटर
लंबाई: 22 मीटर
ऊंचाई: 5 मीटर
वजन: 60 टन
ट्रायल रन के दौरान एक ट्रैक का होगा उपयोग
गांधीनगर डिपो से सुपर कारिडोर 3 मेट्रो स्टेशन के बीच 5.9 किलोमीटर लंबे वायडक्ट पर मेट्रो का ट्रायल रन होना है। ट्रायल रन के दौरान वायडक्ट की डाउनलाइन पर बिछाई की दो पटरियों में से सिर्फ एक का उपयोग किया जाएगा। गांधीनगर डिपो से गांधी नगर स्टेशन होते हुए मेट्रो के कोच को सुपर कारिडोर स्टेशन नंबर 3 तक लाया जाएगा। ट्रायल रन के दिन इसी स्टेशन से गांधी नगर स्टेशन की ओर हरी झंडी दिखाकर मेट्रों के तीनों कोच को रवाना किया जाएगा।

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