महाकालेश्वर सर्वाधिक श्रद्धालुओं  वाला देश का नंबर 1 मंदिर बना

– तिरुपति, शिर्डी और काशी भी में इतने लोग नहीं पहुंच रहे जितने रोज उज्जैन में आ रहे हैं 

– महाकाल मंदिर में रवि-सोमवार को आ रहे 2 से 3 लाख श्रद्धालु इससे पहले नहीं देखे इतने लोग

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

ज्योतिर्लिंग महाकाल सर्वाधिक श्रद्धालुओं वाला अब देश का नंबर मंदिर बन गया है। क्योंकि वर्तमान में तिरुपति, शिर्डी और काशी में भी इतने श्रद्धालु नहीं आ रहे जितने उज्जैन पहुंच रहे हैं। उज्जैन के पास ओकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी रोज इतने लोग नहीं जा रहे। 

दरअसल महाकाल मंदिर में पिछले कुछ सालों पहले के आंकड़े देखे तो पता चलता है कि मंदिर में औसत प्रतिदिन दिन 20 से 25 हजार की संख्या में श्रद्धालु उमड़ते थे। रविवार-सोमवार को यह आंकड़ा 40 हजार तक पहुंच जाता था और बड़े त्योहारों पर 50 हजार के पार लेकिन इससे ज्यादा लोग नहीं आते थे पर जब से महाकाल लोक बना है। मानो उज्जैन में  श्रद्धालुओ की बाढ़ सी आ गई है। प्रतिदिन औसत डेढ़ से 2 लाख तक श्रद्धालु यहां महाकाल के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। रविवार-सोमवार को यह आंकड़ा ढाई से 3 लाख तक पहुंच रहा है। जबकि हाल ही में बड़े त्योहार नागपंचमी को देखे तो महाकाल के दरबार में रिकॉर्ड तोड़ एक दिन में 5 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। एक-एक दिन में इतने लाखों श्रद्धालु इससे पहले उज्जैन के लोगों ने भी नहीं देखे। सब आश्चर्य कर रहे हैं कि बाबा महाकाल का ये कैसा चमत्कार हो गया कि यहां रोज भक्तों का मेला लग रहा। मप्र में महाकालेश्वर के बाद दूसरा ज्योतिर्लिंग ओकारेश्वर है जहां प्रतिदिन औसत 50 हजार से 1 लाख लोग पहुंच रहे हैं।  

उज्जैन में श्रद्धालु बढ़े तो कारोबार 

चमका, करोड़ों की कमाई हो रही

महाकाल मंदिर में जब दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी तो उज्जैन का बाजार-कारोबार भी चमक उठा। करोड़ों रुपए की कमाई होने लगी। होटल, भोजनालय से लेकर हर क्षेत्र में बूम आ गया। श्रद्धालु आ रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि वह होटल, गेस्ट हाऊस या धर्मशाला कही भी रुकेगा, दर्शन-पूजन के लिए सामग्री खरीदेगा, दो से चार समय भोजन करेगा। एक समय का नाश्ता, दो समय की चाय, घूमने के लिए फोर व्हीलर, ऑटो, ई-रिक्शा लेगा फिर बाजार से कुछ खरीदी करेगा यानी सब कमा रहे हैं। हर क्षेत्र में व्यापार हो रहा है। नहीं पहले यह हालत थी कि उज्जैन में कोई काम-धंधे नहीं होते थे। लोग बेरोजगार हुआ करते थे। आज लोगों के पास फुर्सत नहीं सब किसी न किसी रूप में काम में व्यस्त हो गए।कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि उज्जैन की अब अर्थव्यवस्था बदल गई है। 

जाने देश के इन 5 बड़े मंदिरों में 

औसत रोज कितने श्रद्धालु जा रहे

तिरुपति 80 हजार से 1 लाख

शिर्डी 70 से 90 हजार 

वैष्णव देवी 50 से 80 हजार 

काशी विश्वनाथ 50 से 70 हजार

सिद्धिविनायक गणेश 80 हजार से 1 लाख

श्रद्धालुओं के आंकड़े मंदिरों के पुजारियों व वहां से जुड़े ट्रस्टियों के अनुसार