इंदौर में बाल निकेतन संघ ने मनाया संस्कृत दिवस
विद्यार्थियों ने गुरु महिमा, पर्यावरण और वेदपाठ के साथ संस्कृत नाटक नर्मदाष्टक की दी प्रस्तुति
इंदौर। संस्कृत देव भाषा है, सभी भाषाओं की जननी है, इसी भाषा में भारत का प्राचीनतम इतिहास, वैभव, संस्कृति और संस्कार लिखा गया है। वेद, पुराण, श्रीमद् भगवद् गीता और शिक्षाप्रद कहानियां संस्कृत में उपलब्ध हैं। संस्कृत साहित्य भारतीय इतिहास का अद्वितीय गौरव और धरोहर है।
वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के प्रचारमंत्री और हिंदी परिवार इंदौर के अध्यक्ष हरेराम वाजपेयी ने शनिवार को यह बात कही। वे शहर की प्राचीनतम शिक्षण संस्थान बाल निकेतन संघ में आयोजित संस्कृत दिवस के अवसर पर बतौर अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर संस्थान की संस्थापक शालिनी ताई मोघे को श्रद्धांजलि दी गई। वाजपेयी ने आदर के साथ श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह संस्थान शहर की ही नहीं वरन् भारत की गौरव है। यहां पर मांटेसरी शिक्षा के अलावा राष्ट्रपतियों के द्वारा लगाए गए वृक्ष हैं। अन्य कई दर्शनीय सामग्री उपलब्ध हैं, जो दूसरे स्थानों पर नहीं मिलेगी। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं के द्वारा गुरु महिमा, पर्यावरण, जन्म दिवस, वेद पाठ, नर्मदाष्टक, वंदे मातरम् आदि नाटकों की संस्कृत में प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार संतोष मोहती और प्रदीप, नवीन भी उपस्थित थे। संस्था के प्राचार्य संदीप धाकड़ ने अतिथि का स्वागत किया। स्वागत उद्बोधन संस्था की सचिव डॉ. नीलिमा अदमने ने दिया। इस कार्यक्रम में रश्मि ओगदे, राजन फड़णीस सहित बड़ी संख्या में शिक्षकगण और छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।