पिपलियामंडी : रोचक गतिविधियां व्यक्तित्व विकास में सहायक होती हैं—डॉ. गोधा

पिपलियामंडी ।  शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन अंतर्गत सह शैक्षिक क्षेत्र एवं सह पाठ्यक्रम कार्य कलाप की गतिविधियों द्वारा निरंतर छात्राओं के कौशल का विकास किया जा रहा है । विद्यालयीन गतिविधियों में पाठ्य सहभागी गतिविधियों का अत्यधिक महत्व है! जहां एक ओर पाठ्य पुस्तकों की सामग्री विद्यार्थी को परीक्षाओं में अंक प्राप्त कर आगामी पाठ्यक्रम में प्रवेश अथवा व्यवसाय या नौकरी हेतु तैयार करती है ,वहीं दूसरी ओर पाठ्य सहगामी गतिविधियां जैसे भाषण ,परिचर्चा ,अभिनय कला , संगीत, चित्रकला ,मूर्ति कला ,खेल, निबंध लेखन, शाला पत्रिका, कविता पाठ इत्यादि विद्यार्थियों को उनके जीवन में समाज से प्राप्त होने वाली विभिन्न चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने में सहायक होती है । समूह के रूप में की गई क्रियाएं विद्यार्थियों में नेतृत्व के गुण तथा अपने-अपने साथियों के साथ समरस होने की सामर्थ्य पैदा करती है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा प्रकाशित न्यूनतम अधिगम स्तर में वर्णित सुनने ,बोलने एवं लिखने की योग्यताएं इन पाठ्य सहगामी गतिविधियों से ही प्राप्त होती है। प्राचार्य डॉक्टर सुनीता गोधा ने कहां की विद्यार्थियों में 21वीं शताब्दी के कौशलों चिंतनशील सोच, रचनात्मकता, सहयोगात्मकता एवं संवाद कौशल विकसित करने हेतु विद्यालय में विभिन्न पाठ्य सहगामी गतिविधियां निरंतर छात्राओं के बीच करवाई जा रही है ,जो छत्राओ के व्यक्तित्व एवं कौशल विकास में सहयोगी होकर नैतिक मूल्यों को विकसित कर रही हैं।