देवास : आध्यात्मिक क्रांति की अग्रदूत थी प्रकाशमणि दादी- प्रेमलता

देवास ।   प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय कालानी बाग सेंटर में प्रकाशमणी दादी की 18 वी पुण्यतिथि मनाई गई। जिले की मुख्य संचालिका प्रेमलता दीदी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि दादीजी प्रकाशमणि ने ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका के रूप में नियुक्त होते ही संस्था की आध्यात्मिक क्रांति ने जोर पकड़ा।
आध्यात्मिक क्रांति की अग्रदूत थी प्रकाशमणि दादी। देवदूत के रूप में उभरी और संस्था का सुचारू रूप से संचालन किया। नैसर्गिक प्रतिभा, सहज वृत्ति व दिव्य दृष्टि के आधार पर दादी ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की। वे सदैव स्वयं को ट्रस्टी और निमित्त समझ कर चलती थी। शांति दूत पुरस्कार तथा मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें डायरेक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई। दादीजी एक ज्योतिषी के घर जन्मी थी। 1936 में ब्रह्माकुमारी बन मानव कल्याणार्थ आध्यात्मिक सेवा में लग गई। 25 अगस्त 2007 को उन्होंने देह त्याग कर सम्पूर्णता को प्राप्त किया। परमात्मा शिव के सानिध्य में राजयोग की गहन साधना कर आत्मिक बल अर्जित किया। विदेशों में जाकर लोगो को राजयोग मेडिटेशन प्रशिक्षण दिया। 1976 में टीवी चेनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन मुंबई में किया। 1981 में द ओरिजिनल आॅफ पीस कॉन्फ्रेंस का आयोजन नैरोबी में किया।

13 देशों में जाकर दादी ने लोगों को मेडिटेशन द्वारा आध्यात्मिकता से लोगों को जोड़ा।

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