इंदौर में बैंक मैनेजर बहू की मौत पर.सास को 82 लाख का मुआवजा
इंदौर। सड़क हादसे में जान गंवा चुके बेटे के अलावा बहू की मौत का 82 लाख रुपए मुआवजा भी सास के खाते में जमा होगा। यह फैसला अदालत ने दिया है। बहू-बेटे की मौत के ऐवज में उन्हें कुल 1.31 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। आमतौर पर सास को बहू का नॉमिनी नहीं माना जाता लेकिन इस केस में ऐसा हुआ है। इतनी बड़ी मुआवजा राशि के पीछे भी कोर्ट में लंबी बहस चली और सात साल बाद 25 अगस्त को फैसला आया।
जान गंवाने वाला बेटा जहां व्यापार के साथ सेल्स एक्जीक्यूटिव भी था तो बहू पंजाब नेशनल बैंक में मैनेजर के ओहदे पर थी। मुआवजा राशि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को बुजुर्ग सास के खाते में जमा करेगी।
मामला निवासी स्कीम 94 के रहने वाले 29 वर्षीय आयुष और पत्नी श्वेता दीक्षित (28) की मौत से जुड़ा है। दोनों 16 नवम्बर 2016 की रात 1.30 बजे होटल से खाना खाकर लौट रहे थे। तेज रफ्तार कार बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहे के पास खड़े कंटेनर में घुस गई। दोनों की मौत हो गई।
श्वेता की सास मालती देवी और ससुर गौरीशंकर दीक्षित (53), देवर दिव्यांश ने कोर्ट में क्लेम केस लगाया। चार दिन पहले कोर्ट ने ब्याज सहित 1.31 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया। चूंकि केस की सुनवाई के दौरान ही ससुर चल बसे इसलिए पूरी राशि सास के खाते में जमा करने के आदेश दिए गए हैं।