भोपाल में धर्मांतरण पर बवाल: बाइबिल नहीं बांटने पर लड़कियों को नौकरी से निकाला; धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने के आरोप, संस्था ने किया इनकार
ब्रह्मास्त्र भोपाल। राजधानी भोपाल में जबरदस्ती धर्मांतरण कराए जाने का मामला सामने आया है। इसमें एक संस्था से निकाले गए कर्मचारियों ने छोला मंदिर पुलिस थाने में शिकायत की है। इसमें एक शिकायत धर्मांतरण कराने और दूसरी लोगों के बीच बाइबिल बांटने की है।
बताया गया है कि कर्मचारियों को बाइबिल नहीं बांटने पर नौकरी से निकाल दिया गया। वहीं, धर्मांतरण के लिए काम नहीं करने पर संस्था के कर्मचारी राजेश खन्ना के खिलाफ अभद्र व्यवहार की शिकायत की। आरोपों में घिरी चैरिटेबल ट्रस्ट सीएफआई की संस्था एमसीआई की प्रभारी डॉ. प्रीति नायर ने इन आरोपों को नकार दिया। पुलिस ने जांच किए जाने की बात कहकर चुप्पी साध ली है।
बाइबिल दिखाती महिला कर्मचारी
नौकरी से निकाली गई लड़कियों का कहना है कि वह 22 लड़कियां संस्था में गर्भवती महिलाओं के लिए दो-तीन साल से काम कर रही थीं। उन्हें कुछ समय से बाइबिल लोगों के बांटने को दी जा रही है। नहीं बांटने पर उन्हें हटा दिया गया। उन्हें मीटिंग के नाम पर बुधवार को ऑफिस बुलाकर गलत व्यवहार भी किया गया। बुधवार को सभी कर्मचारियों को डॉ. प्रीति ने मिलने बुलाया था। यहां लड़कियों ने उन पर नौकरी से निकाले जाने के आरोप लगाए। इसे लेकर प्रीति और संस्था की लड़कियों के साथ कहासुनी हुई। संस्था में हेल्थ कंसल्टेंट फेवा थॉमस ने कहा कि हम धर्मांतरण कराते हैं, आप साबित करके दिखाएं।
संस्था के कर्मचारी ने ही लगाए धर्मांतरण के आरोप
राजेश खन्ना ने बताया कि वे CFI में पिछले करीब 5 साल से जॉब कर रहे हैं। वह मदर चाइल्ड हेल्थ विंग में काम करते हैं। इसमें महिलाओं की मदद से लेकर उन्हें जागरूक करना रहता है। पिछले कुछ समय से उन्हें ईसाई धर्म का प्रचार करने और बाइबिल बंटवाने का दबाव बनाया जा रहा है। उनके अंडर में काम करने वाली महिला सोशल वर्कर से भी बाइबिल बांटने को कहा गया। लड़कियों के मना करने पर उन्हें निकाल दिया।