आज भद्रा के कारण रात 9 बजे बाद घरों में बंधेगी राखी- सुबह 10 बजे भद्रा आरंभ होगी, रात 8.50 तक रहेगी,
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
आज बुधवार को रक्षाबंधन पर्व पर बहनें अपने भाईयों को रात 9 बजे ही राखी बांध सकेगी। क्योंकि दिनभर भद्रा रहेगी। भद्रा काल में रक्षाबंधन करना शुीा नहीं माना जाता है। इसलिए जब भद्रा समाप्त होगी इसके बाद शुभ मुहूर्त में राखी बांधी जा सकेगी। उज्जैन के पंचांगकर्ता एवं ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास ने बताया कि भद्रा होने से बुधवार को रात 9 बजे राखी बांधना श्रेष्ठ रहेगा। क्योंकि धर्म व शास्त्रों के अनुसार भद्रा के साए में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। भद्रा बुधवार की सुबह 10 बजे आरंभ होगी व रात 8 बजकर 50 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसके बाद ही घरों में बहने भाईयों को राखी बांध सकेंगी। भद्रा का वास भूलोक में होने से यह दिनभर मान्य रहेगीउज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार जब भद्रा का वास भूलोक यानी पृथ्वी पर होता है तो यह मान्य होती है। इस बार रक्षाबंधन पर आ रही भद्रा भूलोक पर ही रहेगी। ऐसे में भद्रा के साए में त्योहार मनाना शुभ नहीं होगा। मान्यता है कि रक्षाबंधन पर्व काल में पूर्णिमा तिथि पर जब भद्रा का योग बन रहा हो तो भद्रा का वह काल छोड़ देना चाहिए। भद्रा समाप्त होने के बाद रक्षाबंधन का त्यौहार मनाएं। श्रावणी उपाकर्म कर सकेंगे ब्राह्मणजन बदलेंगे नई जनेऊ रक्षाबंधन पर्व पर घरों में श्रवण की पूजा की जाती है तथा मुख्यरूप से ब्राह्मणजन शिप्रा किनारे पहुंचकर श्रावणी उपाकर्म करते हैं। इसके स पश्चात नई जनेऊ धारण की जाती है। एक प्रकार से यह ब्राह्मणों की शुद्धि का पर्व है। वर्ष भर जाने-अनजाने में हुए अपराध का प्रायश्चित कर श्रावणी उपाकर्म करने के बाद ब्राह्मण फिर से शुद्ध व पवित्र हो जाते हैं। शिप्रा के रामघाट पर सुबह से ही गुर्जरगौड़, औदिच्य व अन्य ब्राह्मण समाज के लोग अपने गुरुओं की उपस्थिति में हिमाद्री स्नान कर श्रावणी उपाकर्म संपन्न करेंगे।